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तेल नदी से देवभोग पहुच मार्ग डामरी सड़क बड़े बड़े गढ्ढों में हुई तब्दील ,आवाजाही राहगीरों को वाहन से आवागमन में दिक्कतें बढ़ने लगी है

चरण सिंह क्षेत्रपाल/राजधानी से जनता तक

गरियाबंद – गरियाबंद जिले के विकास खण्ड देवभोग का यह मामला है ,कि ग्रामीण द्वारा बताई गई जानकारी के मुताबिक कुम्हड़ईखुर्द से बीसी पारा तक लगभग 700 सौ मीटर की दूरी डामरीकरण सड़क मार्ग निर्माण अभी फिलहाल कुछ वर्षों पहले प्रधानमंत्री सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा करवाई गई हुई है।जिसकी लागत लाखों- करोड़ों रूपए से निर्माण कार्य किया गया है।यह सड़क जगहों- जगहों पर टूट फुट कर इतने बड़े -बड़े गढ्ढे हो चुकें है, दरासल बात यह है कि वाहन चलाना तो दूर की बात है, पैदल चलना बड़ा मुश्किल हो गया है। तेल नदी से देवभोग जाने का मुख्य सड़क मार्ग के बीच एक पारा है बीसी पारा जोकि लगभग 700 सौ मीटर दूरी तक सड़क मार्ग कुंआ की तरह बीच में तब्दील हो गई है, यह सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत निर्माण किया गया था।यह सड़क निर्माण कराई गई लगभग दो या तीन साल होने को जा रहा है इसे डामरीकरण सड़क बनाई गई थी, लेकिन ज्यादा दिन तक टीक नहीं सकी और अल्प समय पर बड़े बड़े गढ्ढे व उबड़-खाबड़ सड़क में तब्दील हो गया है।और दूसरी बात तो यह है कि इन सड़कों के बीच -बीच में कुए की तरह रूप बदल गया है। इस सड़क मार्ग से हजारों आवाजाही राहगीरें प्रति रोज आवागमन करना प्रतिदिन चर्या बना हुआ है। तथा इन सड़क मार्ग से ग्रामीणांचलों के अनेक गांवों से स्कूली विद्यार्थीयां विद्या अध्ययन करने के लिए देवभोग महाविद्यालय ,शासकीय व अशासकीय विद्यालयों में पढ़ने के लिए के हर रोज आते जाते रहते है। इस दरम्यान यदि किसी व्यक्ति व बच्चें वाहन चलाते चलाते कही अचानक बीच सड़क गढ्ढे में साइकिल व बाइक की पहिया अचानक गढ्ढे में जा कर फस जाए ,और किसी बड़ी दुर्घटना के शिकार हो जाते है, तो शरीर व धन क्षति पहुंच सकती है इसीलिए प्रशासन इसे संज्ञान में लेते हुए जहां -जहां पर उबड़-खाबड़ व गढ्ढा बना हुआ है , ऐसे गढ्ढों को जल्द से जल्द मरम्मत करवाया जाना अत्यंत आवश्यक है। ताकि वाहन चालकों को पथ में वाहन ड्राइविंग के दौरान किसी तरह की समस्या से जूझना न पड़े। और आने जाने में थोड़ा सुहलियत भी हो सके। और आगामी भविष्य में किसी तरह की घटनाएं घटित न हो ,ताकि उन सभी पथ राहगीरों को वाहन चलाते -चलाते कहीं अचानक बीच सड़क में गिर पड़े और शरीर के किसी अंग को चौटील पहुंचा सकें। जिससे शरीराअंगो को नुकसान न हो जाए है । इसी तरह की ख़तरे स्थिति को देखते हुए भी जिम्मेदार प्रशासन मौन होकर क्यों हाथ बांधे खामोश बैठी हुई हैं,आखिर ऐसा क्या वजह हो सकती है जो कि जिम्मेदार प्रशासन अपनी दोनों आंखों में पट्टी बांधी हुई आराम से कुर्सी में खामोश क्यों बैठी हुई हैं ? क्या राहगीरों कीदुर्घटना देखने के लिए इंतजार हो रही है। इतने बड़े गढ्ढे हो चुकें है फिर भी प्रशासन द्वारा संज्ञान में नहीं लिया जा रहा है।जबकि जहां जहां पर सड़क मार्ग जर्जर उबड़-खाबड़ व गड्ढा बन गया है, ऐसे जगहों पर गिट्टी ,डामरी डलवा कर मरम्मत कर देना चाहिए। ताकि आवाजाही राहगीरों को सड़क मार्ग में आवागमन करने के दौरान किसी को भी दुर्घटनाओं से जुझना न पड़ सकें। हजारों पथ राहगीरों के द्वारा बताई गई जानकारी के मुताबिक यह बताई गई कि इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में पीएम सड़क मार्ग की स्थिति खूब जगहों पर उबड़-खाबड़ गढ्ढा बना हुआ है।इसे जल्द ही मुख्य सड़क मार्ग की तरह सुधार करना अति शीघ्रता है, और उन्होंने यह भी बताया कि शासन-प्रशासन से आग्रह कि है कि इस जर्जरता, उबड़-खाबड़ विशाल गढ्ढे में तब्दील सड़क मार्ग की हालात को जल्द से जल्द सुधार किया जाए। इसी की अपेक्षा में सभी ग्रामीण जनता है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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