बलौदाबाजार के जिला अस्पताल में 9 महीने में हुए 462 सिजेरियन सहित 1 हजार 800 से अधिक प्रसव
ग्राम खैरा से माह सितंबर में अपनी 23 वर्षीय पत्नी को प्रसव पीड़ा पर जिला अस्पताल लेकर आएं नोहर पटेल ने बताया कि अस्पताल में आने पर उन्हे बताया गया कि फीटल डिस्ट्रेस की स्थिति है जिसमें भ्रुण तक ऑक्सीजन पहुँचने में दिक्कत होती है और बच्चे की धड़कन बढ़ती है। ऐसे में ऑपेरशन के माध्यम से प्रसव हुआ जिसमें मां और बच्चे दोनों ही स्वस्थ हैं। इसी प्रकार प्रोलांग लेबर (देर तक प्रसव पीड़ा) की स्थिति में आये हुए गिरौदपुरी के पास स्थित ग्राम खोसड़ा के रहने वाले महेंद्र पैकरा ने बताया कि 28 वर्षीय उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा काफी देर से हो रही थी जिस कारण जिला अस्पताल लेकर आया तथा यहाँ ऑपेरशन के माध्यम से प्रसव हुआ। अस्पताल में दवाई और अन्य सुविधाएं नि:शुल्क प्राप्त हुई। इस प्रकार के ऑपेरशन का निजी अस्पताल में काफी पैसा खर्च होता, जो बच गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बलौदाबाजार डॉ. राजेश कुमार अवस्थी के अनुसार जिला अस्पताल एन.क्यू.ए.एस. प्रमाण पत्र धारी संस्था है। यह प्रमाण पत्र उच्च गुणवत्त्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान करने के कारण राष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकन के बाद प्राप्त हुआ है। अस्पताल में प्रसव की इस सुविधा को लगातार बेहतर से और बेहतर करने का प्रयास जारी है, जिससे आम जनता को इसका लाभ प्राप्त हो सके।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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