जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल /राजधानी से जनता तक
गरियाबंद (मैनपुर)- गरियाबंद के सरकारी स्कूल में फीस के नाम पर मोटी रकम उगाही का मामला जुलाई महीने में सामने आया था। जिस पर स्थानीय अखबारों में हफ्ते भर खबर भी प्रकाशित हुआ था, किंतु कार्यवाही के नाम पर महज खानापूर्ति देखने को मिला है, ज्ञात हो कि मैनपुर ब्लॉक के मूचबहाल हायर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य ने बोर्ड कक्षा में भर्ती लेने वाले 10वी के छात्रों से 1500 रुपए और 12वी के छात्रों से 1600 रुपए का फीस वसूला गया है,जबकि सरकारी गाइड लाइन में अधिकतम 500 रुपए निर्धारित है। हैरानी की बात है की प्राचार्य ने जनभागीदारी समिति के बगैर संज्ञान में लाए यह मनमानी किया है,वसूले गए रकम के एवज में किसी भी प्रकार से रसीद भी नहीं दिया गया है। यह सिलसिला इस साल का नहीं बल्कि विगत 2,3 सालों से चलता आ रहा हैं। बता दें कि उक्त दोनों कक्षाओं में 100 से भी ज्यादा छात्र है जिनसे 1 लाख से ज्यादा की रकम की अवैध वसूली की गई थी। ख़बर प्रकाशन के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने संज्ञान लेते हुए जांच टीम गठित कर दस्तावेज़ जांच हेतु मुचबहाल हाई स्कूल 25 सितंबर को भेजा था, किंतु जांच में मुचबहाल हाई स्कूल पहुंचे अधिकारियों के समक्ष प्राचार्य द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत न कर उन्हें आलमारी का चाबी नहीं होना बताकर गुमराह किया गया, जिसके बाद जांच में पहुंचे हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी महेश पटेल, एवं सुनील मनोहर प्रधान को बैरंग खाली हाथ लौटना पड़ा, एवं मूचबहाल प्राचार्य को दो दिवस के भीतर बीईओ कार्यालय में उपस्थित होकर संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया, किंतु प्राचार्य द्वारा उच्चाधिकारियों के आदेश का अवहेलना करने से भी बाज नहीं आया और जांच आदेश में मांगी गई दस्तावेज बीईओ के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया,जिसके लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी महेश पटेल द्वारा संबंधित प्राचार्य को कारण बताओं नोटिस भी जारी किया गया था। तत्पश्चात भी नोटिस का जवाब विकासखंड शिक्षा अधिकारी को नहीं मिला,बल्कि जांच करने गए अधिकारियों पर प्राचार्य द्वारा अनर्गल आरोप लगाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत किया गया। अब इस शिकायत के क्या मायने हैं सबको समझ आ ही रहा होगा। अब प्राचार्य के कार्यशैली को देख ऐसा प्रतीत होता है कि प्राचार्य के ऊंची पहुंच और प्रभाव से ब्लॉक के साथ-साथ जिले के अधिकारी भी बेबस नजर आ रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी लगातार 3 वर्षो तक मनमानी ढंग से अवैध फीस वसूलने का आरोप वाले प्राचार्य पर विभाग क्या कार्यवाही होता हैं, या बेबसी का आलम यूं ही जारी रहेगा।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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