राजधानी से जनता तक । नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) (AQI) 300 के पार यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) (CPCB) के अलर्ट के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) (AQI) ने आपात बैठक (Metting) कर एनसीआर (NCR) में ग्रेप (GRAP) (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के दूसरे चरण को लागू कर दिया है। इसके तहत 11 सूत्रीय प्रविधानों और प्रतिबंधों को लागू किया गया है। इसमें आपात सेवाओं को छोड़कर आज मंगलवार सुबह आठ बजे से आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर पर रोक लगा दी गई है। सीपीसीबी (CPCB) की ओर से जारी देश के 238 शहरों के एक्यूआई रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को दिल्ली देश में सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां का एक्यूआई 310 रहा। इससे पहले गत 19 अक्टूबर को एक्यूआई 306 था। अगले तीन दिन तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी। चार माह बाद राजधानी की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंची है।
ग्रेप-2 के तहत दिए गए ये निर्देश
-आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर पर रोक।
-पार्किंग शुल्क, सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो के फेरे बढ़ाने के निर्देश।
-इमरजेंसी सेवाओं के लिए डीजल जनरेटर के इस्तेमाल में छूट दी गई।
-ग्रेप-2 के तहत सीएक्यूएम ने पार्किंग शुल्क बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, ताकि सड़कों पर निजी वाहनों का दबाव कम हो।
-इसके अलावा एनसीआर में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के साथ ही मेट्रो के फेरे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
-सीएक्यूएम ने लोगों से निजी वाहन छोड़कर सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील की है।
-जनवरी तक धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्य न करें।
-खुले में लकड़ी या कूड़ा न जलाएं।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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