जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल
राजधानी से जनता तक
गरियाबंद ( देवभोग)- केन्द्र व प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची मकान में निवासरत उन गरीब परिवारों को पक्का मकान प्रदाय किया जा रहा है।जिसकी राशि की पहली किश्त 18 सितम्बर को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा नोडल खाते में पीएफएमसी के माध्यम से हितग्राहियों के खाते में अंतरिम की गई है।देवभोग विकास खण्ड प्रधानमंत्री आवास के समन्वयक विकास कुमार द्विवेदी ने कहा कि देवभोग विकास खण्ड में पूर्व में 10147 पीएम आवास स्वीकृति हो चुकी है। जिसमें से लगभग 9300 पीएम आवास पूर्ण हो चुकी है और बाकी शेष 800 पीएम आवास पूर्णकालिक शेष है। अभी वर्तमान सत्र 2024-25 में देवभोग क्षेत्र में पीएम आवास योजना (ग्रामीण) 5,458 का नया लक्ष्य मिला है। जिसमें से 5080 हितग्राहियों का पीएम आवास योजना में पंजीयन कराया जा चुका है। जिसमें से 4500 हितग्राहियों का स्वीकृति करा कर पीएम आवास योजना (ग्रामीण) पात्र हितग्राहियों के खाते में 40,000 रूपए जारी किया जा चुका है। उन्होंने और भी यह बताया कि पीएम आवास योजना (ग्रामीण) का स्थायी प्रतिक्षा सूची जारी कर दी गई है, इस साल एक भी शेष नहीं है। इसके अलावा पीएम आवास योजना (ग्रामीण) की पूरक सूची 2018 में हटाई गई उसमें भी लगभग 4600 लोग हैं। इनको भी पीएम आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत हितग्राहियों को लाभ दिलाने में शासन- प्रशासन योजना बनाई जा रही है। इसमें वर्तमान में 1200 प्लस आवास स्वीकृत दिए जा रहे हैं। वर्ष 2017-18 पीएम आवास के हितग्राहियों ने आवास निर्माण के लिए रूचि नहीं दिखाई और सीधे प्राप्त किश्त की राशि को दुरूपयोग किया गया है। उन्हें एक बार फिर से आवास बनाने के लिए पुनः प्रयास करने को कही जाएगी । और जो किश्त बचीं हुई है आवास पूर्ण की स्थिति में राशि जमा कर दिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी फिलहाल कुछ दिनों बाद पीएम आवास के हितग्राहियों को जल्द से जल्द आवास को पूर्ण करने व शासन -प्रशासन के नियमों को ध्यान में रखते हुए जिले से प्रशासन द्वारा लक्ष्य को पूरा करने के लिए उक्त हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। संबंधित पीएम आवास योजनान्तर्गत लाभान्वितों ने कहा कि मोदी सरकार ने हम ग्रामीण जनताओं को पक्के मकान देकर हमारी इच्छाएं पूरी कर रही है।हम सभी ग्रामीण जनता केन्द्र व प्रदेश सरकार विष्णु देव साय को बहुत बहुत आभार व्यक्त करते हैं। जोकि हम गरीबों को छत वाली मकान दे कर लंबी उम्मीदें कामयाब हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार हमारी उम्मीदें तो पूरी कर रही है, किंतु आज कल खेतों खलिहानों में फसलें उत्पादन किया गया है, तो खेतों से गिट्टी, व मेटाल को आवास हितग्राही रखें गए हैं।चार पहिया वाहन धान खेतों में जाना नामुमकिन है। प्रधानमंत्री आवास के लिए गिट्टी, रेती, सीमेंट, छड़,व ईंट जैसे तमाम सामग्रियां एकत्रित कर आवास निर्माण किया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि देवभोग क्षेत्र उड़ीसा राज्य सीमा में कुछ गांव बसाहट हुए हैं जिसके कारण दोनों राज्यों की जमीनें आमने-सामने जुड़े हुए हैं तो किसान अपने खेतों में रखीं गई मेटाल, गिट्टी लाकर आवास की तैयारियां शुरू कर दिया गया है। चूंकि आवास बनाने से पहले नींव गढ्ढे में बड़े बड़े मेटाल पत्थरों को डाला जाता है।देवभोग क्षेत्र में इस बार 4500 आवास स्वीकृति दी गई है। तो इन 4500 हितग्राहियों को पीएम आवास निर्माण कार्य हेतु सभी मटेरियल खरीदना पड़ता है। ज्यादा लोगों को आवास मिली है क्षेत्र में दिनों दिन आवास निर्माण की स्वीकृति बढ़ती जा रही है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रकृति द्वारा स्वयं निर्मित अमूल्य बहू रत्न खनिज संपदा को दोहन किया जा रहा है। अधिक उपयोग किए जाने पर बड़े बड़े पत्थरें पतन हो रही है। इसी लिए आवास निर्माण करने के लिए हितग्राही अपने आसपास पड़ोस गांव से खरीद कर पीएम आवास में कारोबार हो रहा है। पीएम आवास हितग्राहियों ने बताया कि यदि हम पीएम आवास को शासन -प्रशासन द्वारा दिए गए समयावधि में पूरा नहीं करते हैं तो प्रशासन हमें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। इस मटेरियल जुगाड़ कर रहे पीएम आवास हितग्राहियों को प्रशासन अपनी नियमों को कसोटी में कसे जा रहें हैं, तो हम किस तरह से शासन -प्रशासन के आदेशों को पालन करने में हम सक्षम होंगे।
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Author: Rajdhani Se Janta Tak
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