अभिषेक तिवारी
अमगांव//हरदीबाजार:- एसईसीएल गेवरा द्वारा अर्जित ग्राम अमगांव के दर्राखांचा के लोंगो ने कोयला उत्खनन के लिए गांव के नजदीक किये जा रहे हैवी ब्लास्टिंग को बंद करने की मांग करते हुए आज खदान के किनारे खड़े होकर प्रदर्शन किया है और ब्लास्टिंग बंद नही होने पर खदान बंद करने की चेतावनी दी है । गौरतलब है खदान विस्तार के लिए जमीन नही होने का हवाला देकर प्रबन्धन गांव के नजदीक हैवी ब्लास्टिंग कर कोयला उत्खनन का कार्य कर रही है जिससे घरों में रहना मुश्किल हो रहा है और दहशत के साये में लोग अपने नए आशियाने में जाने के बाद खदान विस्तार करने की गुहार लगा रहे हैं । इस सबन्ध में ग्राम अमगांव के सरपंच ब्रृज कुंवर ने बताया है कि अभी ग्राम के सैकड़ों रोजगार बसाहट और मुआवजा का प्रकरण लम्बित है । बसाहट स्थल में अभी भी बुनयादी सुविधाएं नही दी गयी है । ब्लास्टिंग से मकान में भूकम्प से ज्यादा खतरा मंडरा रहा है और कभी भी जान माल को नुकसान हो सकता है । ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के कार्यकरणीं सदस्य अनुसुइया राठौर ने गेवरा और दीपका क्षेत्र के ग्राम अमगांव दर्राखांचा ,मलगांव में हैवी ब्लास्टिंग के कारण आमजनों को होने वाली परेशानी के सबन्ध में बताया है कि घरों से महज 10-20 मीटर दूरी तक खदान विस्तार किया जा चुका है यहां पर घेराबंदी भी नही किया गया है और हैवी ब्लास्टिंग से घरों तक पत्थर गिरने , छत टूटने ,मकानों में दरार आने की शिकायत आ रही है ब्लास्टिंग के समय पूरा एरिया दहशत में रहता है कि कब मकान धराशायी होकर गिर जाएगा । डीजीएमएस को शिकायत कई बार किया गया है किंतु कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति किया जाता है इसलिए अब ग्रामीणों के द्वारा ब्लास्टिंग को रोकने के लिए आंदोलन शुरू किया जा रहा है आज प्रदर्शन करके प्रबन्धन को आगाह किया गया है अगर ब्लास्टिंग रोकी नही गयी तो इस फेस में मिट्टी व कोयला उत्खनन को रोकने के लिए पूरे ग्रामवासियों के साथ खदान में उतरेंगे । ग्राम की पंच अमृता यादव ने बताया है कि गांव के अर्जन के बाद मिलने वाली मुआवजा , सहित अन्य समस्याओं का समाधान नही हुआ है । जबरदस्ती खनन किया जा रहा है हम रोकने के लिए मजबूर है । दीपका और गेवरा क्षेत्र के खुली खदान में सुरक्षा मापदंड का खुला उलंघन कर कोयला उत्पादन और हैवी ब्लास्टिंग के खिलाफ शिकायत के बाद खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा कोई कार्यवाही नही होने और महज खानापूर्ति करने के कारण ग्रामीणों ने आंदोलन की घोषणा किया है । एसईसीएल की खुली खदानों में कोल माइनिंग रेगुलेशन 2017 के धारा 196 में उल्लेखित नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और आमजनों की जान माल कीं सुरक्षा की अनदेखी हो रही है । कोयला उत्खनन व उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए नियमो को ताक में रखा जा रहा है गांवो में स्थित मकानों और रिहायशी इलाकों ,विद्यालय , अस्पताल तक खदान का विस्तार कर लिया गया है। ब्लास्टिंग के कारण घरों में पत्थर गिरने से जख्मी होना , मकानों में दरार आना व छत का गिरना , हैण्डपम्प , बोर का धसकने जैसी घटनाएं आम हो चुकी है । खदान विस्तार से पूर्व प्रभावित ग्रामों को बिना हटाये जबरदस्ती खनन कार्य हो रहा है । जबकि खदान के खनन परिक्षेत्र को डेंजर जोन एरिया में फेंसिंग किया जाना चाहिए और आबादी क्षेत्र के 500 मीटर दायरे के बाद ब्लास्टिंग की जानी चाहिए इन नियमो को दरकिनार कर खनन कार्य हो रहा है ।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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