अकलतरा- छठ पूजा के अंतिम दिन नगर के सीसीआई मन्दिर एवं रामसागर तालाब पर व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसी के साथ महापर्व छठ का समापन हो गया। चार दिवसीय छठ पूजा के महापर्व की शुरुआत पांच नवंबर को नहाय खाय के साथ हुई थी। इसके बाद अगले दिन छह नवंबर को व्रती महिलाओं ने खरना की रस्म निभाई। गुरुवार की शाम व्रती महिलाओं ने छठ घाट पर पहुंचकर जल में खड़े होकर अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य दिया। शुक्रवार सुबह उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह चार बजे से ही सीसीआई स्थित पंचदेव मन्दिर एवं रामसागर तालाब पर व्रती महिलाओं की बड़ी संख्या में भीड़ जुटने लगी। यहां पूजा-पाठ के लिए महिलाएं पारंपरिक वेषभूषा में अपने परिवार के साथ पहुंचीं। व्रती महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का व्रत संपन्न किया। इस दौरान छठी मैया के गीत गूंजते रहे। इस दौरान घाटों पर युवाओं और बच्चों में भी गजब का उत्साह देखा गया। इस दौरान पारंपरिक छठ गीतों…मारबउ रे सुगवा धनुष से… कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए…से माहौल भक्तिमय बना रहा। मन्नत पूरी होने पर भरा कोसी नगर में शाम को अर्घ्य अर्पण करने के बाद नियमानुसार घरों में कोसी भराई की रस्म किया। वहीं, अगले सुबह उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने से पूर्व या तो छठ घाटों पर या घरों में ही फिर से कोसी सजाकर भरा। मान्यता है कि कोसी में इस्तेमाल किए जाने वाले 5 ईख पंचतत्व होते हैं, जिनमें भूमि, वायु, जल, अग्नि और आकाश का स्वरूप शामिल होता है. कहा जाता है कि छठ व्रती अगर कोई मन्नत रखती हैं और वह छठ मइया की कृपा से पूरी हो जाती है तो कोसी भरा जाता है. ऐसी है धार्मिक मान्यता धार्मिक मान्यता है कि सूर्य देव के आशीर्वाद से व्यक्ति को निरोगी जीवन प्राप्त होता है और उसका घर धन-धान्य से भर जाता है। वहीं, छठी मैया की कृपा से निसंतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है। संतान के सुखी जीवन के लिए भी यह व्रत रखा जाता है। इसके रखने से मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है छठ पर्व: रजनी साहू शुक्रवार को छठ पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। व्रती ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर और पूजा अर्चना करके निर्जल व्रत का समापन किया। भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रजनी सत्तू साहू ने कहा कि छठ पूजा को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिलता है । हर साल कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह छठ का पर्व मनाया जाता है। इस छठ के व्रत को संतान की लंबी आयु, पति के स्वस्थ जीवन और घर-परिवार के सुख-सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है।भूतपूर्व सैनिक एव पार्षद रोहित सारथी ने कहा कि यह महापर्व चार दिनों तक मनाया जाने वाला ये पर्व हिन्दू लोक आस्था से जुड़ा एक बड़ा पर्व है। इसे महापर्व का दर्जा दिया गया है। छठ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है। इस दौरान व्रती 36 घंटे से भी ज्यादा समय के लिए निर्जला व्रत करके छठी मईया और भगवान सूर्य की उपासना करते हैं।उन्होंने कहा की उनका भी सौभाग्य है की आज छठ माता का पूजन करने का सौभाग्य मिला। रामसागर तालाब में श्री छठ सेवा समिति द्वारा छठ महापर्व मनाया गया इस पर्व में भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे जिसमें अध्यक्ष रेशु तिवारी राजेश्वर मरकाम पूर्व पार्षद आशीष प्रसाद रजनी सत्तू साहू रोहित सारथी सुनीता सिंह जितेंद्र गुप्ता संतोष अभिषेक अजय नितेश आशीष और भारी संख्या में नगर्भावी उपस्थित है।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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