जाहिद अंसारी राजधानी से जनता तक
सूरजपुर/प्रतापपुर/:– आगामी 14 नवंबर से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रक्रिया आरंभ होने जा रही है, जिसे किसानों के लिए एक महत्त्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है। लेकिन इस बार भी गिरदावरी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई हैं। गिरदावरी, जिसमें किसानों की फसलों का आकलन किया जाता है, में कई जगहों पर धांधली की खबरें सामने आ रही हैं। इस घोटाले के मूल में पटवारियों द्वारा की गई गलतियां बताई जा रही हैं। किसानों का कहना है कि यदि जिला प्रशासन प्रत्येक किसान की सूक्ष्मता पूर्वक जांच करवाए, तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है। पटवारियों की चूक: घर बैठे तैयार हो रही फसल रिपोर्ट सूत्रों के अनुसार, प्रतापपुर सहित जिले के अन्य क्षेत्रों में पटवारियों द्वारा गिरदावरी के आंकड़े घर बैठे ही तैयार कर लिए गए हैं। कई स्थानों पर जहां मकान, तालाब या अन्य फसलें हैं, वहां भी धान की फसल लहलहाने की जानकारी दर्ज कर दी गई है। इससे न केवल प्रशासन को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा, बल्कि यह किसानों के प्रति न्यायपूर्ण नीति का उल्लंघन भी है। किसानों का आरोप है कि गलत गिरदावरी के कारण कई पात्र किसान योजनाओं से वंचित रह सकते हैं और वास्तविकता में धान नहीं उगाने वाले लाभ उठा सकते हैं। इससे सरकारी खजाने को नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। किसानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि ऐसे मामलों की जांच तत्काल प्रभाव से की जाए, ताकि सही स्थिति उजागर हो सके।
बिलासपुर में हुआ बड़ा खुलासा, 71 पटवारी नपे
इस झोलझाल का सबसे ताजा उदाहरण बिलासपुर जिले में देखने को मिला है, जहां जिला प्रशासन ने 71 पटवारियों के खिलाफ फर्जी गिरदावरी करने का खुलासा किया। इन पटवारियों को शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है। इस खुलासे से राजस्व विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बिलासपुर प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद, अन्य जिलों में भी गिरदावरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और गड़बड़ियों को रोकने के प्रयास तेज हो गए हैं। प्रतापपुर और आसपास के क्षेत्रों के किसान भी मांग कर रहे हैं कि इसी प्रकार की जांच उनके क्षेत्र में भी की जाए।
प्रशासन का कदम और भविष्य की चुनौतियाँ
जिला प्रशासन ने इस मामले पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस समस्या का समाधान निकालने के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य करेंगे। गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी पटवारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और किसान अपने अधिकारों से वंचित न रहें।
किसानों की अपील
क्षेत्र के किसानों ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करते हुए प्रशासन से अपील की है कि वे इस तरह की जांच पूरे प्रदेश में करवाएं ताकि किसी भी किसान के साथ अन्याय न हो और उन्हें सरकार की योजनाओं का सही लाभ मिल सके।
निष्कर्ष
गिरदावरी में फर्जीवाड़े का यह मामला न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए कितनी सतर्कता और पारदर्शिता की आवश्यकता है। प्रशासन के समक्ष चुनौती है कि वह इस घोटाले का पर्दाफाश कर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए और किसानों का विश्वास बहाल करे। इस विषय में एसडीम ललिता भगत ने कहा कि एक बार फिर से आर आई पटवारी का बैठक बुलाकर मामला की सूक्ष्मता से जांच होगी,दोषी पाए जाने वाले पटवारी पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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