जांजगीर चांपा। बेजाकब्ज़ा हटाए जाने के कई बार शिकायत के बाद राजस्व अमला द्वारा केवल औपचारिकता ही नहीं निभाई जा रही है, बल्कि ऐसे में राजस्व अमला द्वारा इस मामले में संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। मजे की बात यह है कि उक्त मामले में अतिरिक्त तहसीलदार अकलतरा द्वारा 14 नवम्बर तक बेजा कब्जा हटाए जाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। नायब तहसीलदार अकलतरा द्वारा मौके पर जाकर केवल खानापूर्ति कर ली गई। सम्बंधित बेजाकब्जा जमीनों पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा। शिकायत कर्त्ता द्वारा जुलाई माह में भी जनदर्शन में शिकायत कर कलेक्टर से कार्रवाई की मांग की गई थी। तहसील अकलतरा के ग्राम पंचायत साजापाली के आश्रित ग्राम सोनाईडीह के शासकीय भूमि में हो रहे अवैध बेजाकब्जा हटाने जाने के लिए राजस्व अमला बिल्कुल बेबस नजर आ रहे हैं। जबकि पूर्व में जिले के कलेक्टर ने अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई करने के सख्त निर्देश भी दिए थे। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत साजापाली के आश्रित ग्राम सोनाईडीह के करीब 31 लोगों के द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जा किया गया है और 9 लोगों द्वारा शासकीय भूमि पर मकान भी बनाया जा रहा है। जिस पर ग्रामीण अजय यादव ने शासकीय भूमि में हो रहे अवैध बेजा कब्जा को हटवाने की शिकायत अकलतरा तहसीलदार से लेकर जिले के आलाधिकारियों को कई बार किया है। जिसमें अधिकारियों के निर्देश पर पटवारी द्वारा चिन्हाकित करते हुए लगभग 30 एकड़ जमीन पर कब्जा किए जाना बताकर खानापूर्ति कर दी गई। यहां तक कि उक्त मामले में सही तरीके से कार्रवाई नहीं होने से कब्जाधारियों के हौसले बुलंद है। कभी-कभी तो यह भी अंदेशा लगाया जाता है कि कहीं उक्त मामले में राजस्व अमला के अधिकारियों की संलिप्तता तो नही है। लोकसभा चुनाव के आचार संहिता हटने के तुरंत बाद जिला के कलेक्टर ने भी अवैध बेजा कब्जा हटाने का आदेश भी दिया हुआ है लेकिन यह आदेश केवल कागजों में ही नजर आ रहा है। यथार्थ से कोसों दूर है।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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