श्रोताओं और श्रद्धालु भक्तों ने खेली ब्रज के तर्ज पर फूलों की होली खेली ।
जांजगीर-चांपा ( शशिभूषण सोनी ) मनुष्य को अपने जीवन में सुदामा और श्रीकृष्ण जैसा एक मित्र अवश्य बनाना चाहिए ,जो उसे भव सागर के पार लगाए । क्रोध से हमेशा नुकसान होता हैं । इसलिए भगवान श्री कृष्ण के चरित्र से सहनशीलता ग्रहण करना चाहिए । जिला पंचायत जांजगीर-चांपा के सभापति एवं भाजपा नेता राजकुमार साहू के चांपा स्थित निवास में दिनांक 17 नवंबर,2024 से श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही हैं । कथा व्यासपीठ पंकजा दीदी एवं प्रज्ञा दीदी ने सातवें दिन की कथा में उक्त बाते कही । सातवें दिन होली के रंग गया श्रीमद्भागवत कथा परिसर । रंग-बिरंगे प्राकृतिक फूलों की बौछार से श्रद्धालु श्याम रंग में रंगे नज़र आएं । श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन सुदामा चरित्र व ब्रज होली का आयोजन किया गया साथ ही कथा को विश्राम किया गया । कथा के अंतिम दिन जहां सुदामा चरित्र का प्रसंग श्रद्धालुओं को सुनाया गया । सुदामा चरित्र का मार्मिक वर्णन सुनकर श्रद्धालु भावुक हो उठे । वही ब्रज की होली से पूरा कथा पंडाल ब्रजमंडल बन गया । पूरे होली के रंगों से सराबोर न्यूज़ को कव्हरेज करने न्यूज़ सलवा जुडूम संपादक भूपेंद्र देवांगन तथा शशिभूषण सोनी मौजूद रहे । भागवत कथा स्थल पर फूलों की जबर्दस्त होली खेली गई हर तरफ हर्ष और उल्लास की आंधी रंग-बिरंगे फूलों की बौछार, शुद्ध हल्दी मिश्रित रंग दिलों की दूरियां ही नहीं मिटाते बल्कि ये समय अपनो को करीब भी लाते हैं । होली आई रे कन्हाई ब्रज के रसिया, होली आई रे । बाट सके सब सखा तुम्हारे, बाहर आओ मोहन प्यारे, डफ़ बजने दो रंग उड़ने दो। अब क्यों देर लगाई रसिया, होली आई रे । श्रोता गण भक्ति-भाव से मधुर संगीत में डूबकर नाचने को मजबूर हो गए । कभी भी मित्र के साथ धोखा नहीं करना चाहिए । कथा श्रवण कराते हुए सुप्रसिद्ध कथावाचिका पंकजा और प्रज्ञा ने व्यास पीठ से कहा कि कभी भी मित्र के साथ धोखा नही करना चाहिए । प्रेस क्लब चांपा अध्यक्ष डॉ कुलवंत सिंह सलूजा, कोषाध्यक्ष विक्रम तिवारी, विशेष प्रतिनिधि शशिभूषण सोनी अंतिम दिन सभापति निवास पहुंचे, दोनों बहनों को पूष्प गुच्छ भेंटकर अभिनंदन किया गया। श्रीमद्भागवत कथा महात्म्य के अंतिम दिन विशेष आग्रह पर प्रेस क्लब चांऔपा अध्यक्ष डॉ कुलवंत सिंह, कोषाध्यक्ष विक्रम तिवारी, भूपेंद्र देवांगन तथा विशेष प्रतिनिधि शशिभूषण पहुंचे और कथावाचिका पंकजा और प्रज्ञा वैष्णव का पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया तथा श्रीमद्भागवत कथा महात्म्य संबंध में घर-परिवार के लोगों के साथ विचार साझा किया गया । प्रेस क्लब अध्यक्ष डॉ कुलवंत सिंह सलूजा द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि भागवत कथा ही ऐसी कथा हैं , जिसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति कर लेता हैं। भगवान कृष्ण के सामान कोई सहनशील नही हैं । क्रोध हमेशा मनुष्य के लिए कष्टकारी होता हैं । इसके साथ कथा के अंतिम दिन श्री कृष्ण सुदामा की मित्रता के प्रसंग का भावपूर्ण वाचन किया । कथा वाचन के दौरान सुदामा चरित्र, बृज की फूलों की होली, सुखदेव विदाई का प्रसंग सुनाया । श्रेष्ठ कर्म करने वालों को सही समय पर फल मिलता हैं- पंकजा और प्रज्ञा। दोनों बहनों ने प्रेस क्लब द्वारा पूछे गए सवाल का बड़े ही परिवारिक माहौल में एक-एक करके इत्मीनान से पूछे गए सवाल का जवाब दिया । एक सीधे शब्दों में कहा कि मनुष्य हमेशा धर्म के मार्ग पर चलें । कर्म करो , लेकिन फल की इच्छा मत करो। कर्म करने वाले को समय पर उचित फल अवश्य मिलता हैं । उनके बताएं सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला भक्त जीवन में कभी हार का सामना नहीं करता हैं । प्रश्नों के साथ धार्मिक उद्वहरण देते रहे दोनों बहनें । सुदामा चरित्र का बखान करते हुए बाल विदुषी दोनों बहनों ने कहा कि संसार में मित्रता भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए । जीवन में प्रत्येक प्राणी को भगवान श्रीकृष्ण से एक रिश्ता जरूर बनाना चाहिए। आधुनिक युग में स्वार्थ के लिए लोग एक-दूसरे के साथ मित्रता करते हैं और काम निकल जाने पर वे एक-दूसरे को भूल भी जाते हैं । जीवन में प्रत्येक प्राणी को परमात्मा से एक रिश्ता जरूर बनाना चाहिए । भगवान से बनाए गये वह रिश्ता जीव को मोक्ष की ओर ले जाएगा । स्वाभीमानी सुदामा ने विपरीत परिस्थितियों में भगवान श्रीकृष्ण का चिंतन और स्मरण नहीं छोड़ा । प्रेस क्लब चांपा अध्यक्ष डॉ कुलवंत सिंह सलूजा, विक्रम तिवारी तथा शशिभूषण सोनी से चर्चा करते हुए कथावाचिका पंकजा और प्रज्ञा दोनों बहनों ने श्रीकृष्ण व सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि स्वाभिमानी सुदामा ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सखा कृष्ण का चिंतन और स्मरण नहीं छोड़ा , जिसके फलस्वरूप कृष्ण ने भी सुदामा को परम पद प्रदान किया । कथा के अंत में बृज की फूल होली खेली गई । इस दौरान सुदामा के श्रीकृष्ण के पास द्वारका नगरी पहुंचने के नाट्य मंचन ने उपस्थित जनों को भाव विभोर कर दिया। भागवत कथा के सातवें दिन भक्ति रस में डूबे रहे श्रद्धालु भक्त । इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण की सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंस बध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया। सोमवार को हवन कलश विसर्जन तथा भंडारे के साथ श्रीमद्भागवत कथा का समापन हो जाएगा ।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
राजधानी से जनता तक न्यूज वेबसाइट के आलावा दैनिक अखबार, यूटयूब चैनल के माध्यम से भी लोगो तक तमाम छोटी बड़ी खबरो निष्पक्ष रूप से सेवा पहुंचाती है



