Search
Close this search box.

हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित

राजधानी से जनता तक । नई दिल्ली । राज्यसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद ही विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के तहत मणिपुर और संभल हिंसा जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की। सभापति ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया। इसके कारण कई विपक्षी सांसद सदन में हंगामा करने लगे और सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद ही स्थगित करनी पड़ी। संसद की कार्यवाही दोबारा प्रारंभ होने पर भी यह हंगामा नहीं रुका और राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
दरअसल बुधवार को राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के एक सांसद ने नोटिस देकर सभापति को बताया कि वह दिल्ली की कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते अपराधों पर चर्चा चाहते हैं। वहीं सुष्मिता देव, राघव चड्ढा, तिरुची शिवा, संतोष कुमार पी जैसे विपक्षी सांसदों ने मणिपुर हिंसा को लेकर चर्चा की मांग की। डॉ जॉन बिटास, ए ए रहीम, प्रोफेसर रामगोपाल यादव और अब्दुल वहाब ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा और उसके बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की मांग की।
विपक्ष के ये सांसद चाहते थे कि सदन के अन्य कार्यों को स्थगित करके इन विषयों पर चर्चा कराई जाए। विपक्षी सांसद नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे थे। हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने सांसदों की इस मांग को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया और इसके चलते सदन की कार्यवाही 11 बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही दोबारा प्रारंभ होने पर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी समेत कई विपक्षी सांसद चर्चा की मांग को लेकर अपने स्थान पर खड़े हो गए। इसके बाद अधिकांश विपक्षी सांसद इस मुद्दे को लेकर अपनी आवाज उठाने लगे। सभापति ने सांसदों से अपने स्थान पर जाकर बैठने का आग्रह किया। लेकिन विपक्षी सांसदों का यह विरोध लगातार बढ़ता रहा। इसको देखते हुए सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले जब सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र प्रारंभ हुआ था तब भी राज्यसभा में विपक्षी सांसद मणिपुर हिंसा व संभल हिंसा के मुद्दों पर चर्चा की मांग करते दिखे थे। मणिपुर और उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए कई विपक्षी सांसदों ने बुधवार को भी राज्यसभा के सभापति को नोटिस दिया था। सभापति ने सांसदों की इस मांग को अस्वीकृत कर दिया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह पहले भी नियम 267 के तहत चर्चा पर अपना निर्णय दे चुके हैं, वही निर्णय वह दोबारा दोहरा रहे हैं।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

राजधानी से जनता तक न्यूज वेबसाइट के आलावा दैनिक अखबार, यूटयूब चैनल के माध्यम से भी लोगो तक तमाम छोटी बड़ी खबरो निष्पक्ष रूप से सेवा पहुंचाती है

यह भी पढ़ें

What does "money" mean to you?
  • Add your answer
November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  

टॉप स्टोरीज

error: Content is protected !!