मुंबई । महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और विधान परिषद में उपनेता भाई जगताप ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को लेकर एक विवादित बयान दिया, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई है। जगताप ने चुनाव आयोग की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुत्ते से की। जब उनसे इस बयान पर दोबारा सवाल किया गया, तो उन्होंने अपने बयान पर कायम रहते हुए माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया। जगताप ने हाल ही में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए राज्य चुनाव आयोग के सीईओ को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने चुनाव परिणामों पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता महायुति सरकार के खिलाफ थी, लेकिन ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में गड़बड़ी के कारण चुनाव परिणाम उनके पक्ष में आए। उन्होंने इसे अप्रत्याशित बताते हुए दावा किया कि राज्य की जनता पूरी तरह से महायुति सरकार के खिलाफ थी, लेकिन पूरा श्रेय ईवीएम को जाता है। जगताप ने यह भी आरोप लगाया कि कई जगहों पर ईवीएम हैक हुईं। एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा, मैं माफी नहीं मांगूंगा। अगर चुनाव आयोग प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों के दबाव में काम कर रहा है, तो मैंने जो कहा वह सही है। उन्होंने चुनाव आयोग को निष्पक्षता के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन जैसा बनने की सलाह भी दी। ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए जगताप ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं का भी हवाला दिया। उन्होंने वीवीपैट स्लिप्स की जांच किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, सुप्रीम कोर्ट ने 5% वीवीपैट स्लिप्स गिनने की सिफारिश की थी, लेकिन वह भी नहीं हुआ। यदि इस प्रणाली में कोई खामी है तो इसकी जांच की जानी चाहिए और इसे बदल देना चाहिए। बैलट पेपर से छेड़छाड़ की संभावना खत्म हो जाती है। जगताप के इस बयान ने चुनाव आयोग और ईवीएम की विश्वसनीयता पर नए विवाद को जन्म दिया है।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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