राजधानी से जनता तक । जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल । गरियाबंद । गरियाबंद जिले के नगर पंचायत देवभोग अंतर्गत उन सभी विद्यालयों की परिसर से 100 मीटर की दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचना और नशाखोरी है सख्त मना ।नशा मुक्ति को लेकर भले ही सरकार लाख उपाय कर रही है पर समाज की जागरूकता में सहभागिता की कमी के चलते नशाखोरी विकराल रूप ले रहा है। सरकार कोटपा कानून के जरिये इसपर रोक लगाने भरसक प्रयास कर रही है पर गुटका,बिडी,सिगरेट, तम्बाकू और शराब जैसे हानिकारक प्रदूषण व पेय पदार्थ का सेवन पर विराम लगता नजर नहीं आ रहा है।नशाखोरी व्यापकता देखिये व्यक्ति जहां से ज्ञान अर्जित करता है नशेबाज उस पाठशाला को भी नहीं छोड़ रहे हैं।देवभोग व मैनपुर के शासकीय,निजी विद्यालयों पर शाम ढलते ही नशेबाजो का कब्जा रहता है, हालांकि की कोटपा अधिनियम की मानें तो विद्यालय के सौ मीटर के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचना खाना या नशा करना अपराध है पर इस नियम का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है।
तम्बाकू उत्पाद पर जिलेभर में अब तक 69 चालानी कारवाई
गरियाबंद पुलिस महकमे में कप्तान के बदलते नये एस .पी. निखिल अशोक कुमार राखेचा के फरमान के बाद विद्यालय के 100 मीटर दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचने के मामले में गरियाबंद-11राजिम 33 फिंगेश्वर-07 देवभोग 18 को मिलाकर कुल 69 चालानी कारवाई की गयी है। तम्बाकू उत्पाद पर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्यवाही चल रही है, पर उन नशेबाज पर कारवाई क्यों नहीं जो ज्ञानपीठ को मयखाना बना लिये है?
बोतल,डिस्पोजल,माचिस सिगरेट के टुकड़े और खोखे से स्कुली प्रबंधन परेशान
नशेबाजों का हब बना देवभोग, अमलीपदर, उरमाल सहित क्षेत्र के अधिकांश शासकीय और निजी स्कूलों में शाम को जमावाड़ा लगता है और सबेरे बोतल, डिस्पोजल, चखना के अवशेष, सिगरेट के टुकड़े और खोखे बिखरा पड़ा रहता है,कुछ छात्रों का सबेरे से शिफ्ट में विद्यालय लगता है ऐसे में विद्यालय परिसर में पड़े नशाखोरी के अपशिष्टों की सफाई करना एक नया ड्यूटी बन गया है,परिसर में नशाखोरी को लेकर स्कुल प्रबंधन परेशान हैं।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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