हाथी प्रभावित क्षेत्रों में धान खरीदी के साथ ही शीघ्रता से हो धान का उठाव: कलेक्टर
जनहानि व फ सल नुकसान के प्रकरण में त्वरित क्षतिपूर्ति हेतु विभागों को समन्वय से कार्य करने के दिए निर्देश
कोरबा । कलेक्टर श्री अजीत वसंत की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जंगली हाथियों की सुरक्षा हेतु गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने जिले के हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथी-मानव द्वंद को कम करने तथा जंगली हाथियों से होने वाली जनहानि को नियंत्रित करने हेतु प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर वनमण्डलाधिकारी कटघोरा श्री कुमार निशांत, सीईओ जिला पंचायत श्री दिनेश कुमार नाग, अपर कलेक्टर श्री अनुपम तिवारी, सयुंक्त कलेक्टर श्री मनोज बंजारे सभी एसडीएम सहित विद्युत, कृषि, उद्यानिकी, सहित अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कोरबा व कटघोरा वनमंडल में हाथियों की सुरक्षा, उन्हें रिहायशी इलाकों से दूर रखने, हाथी मानव द्वंद से होने वाली जनहानि को रोकने हेतु विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कोरबा एवं पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड के हाथी प्रभावित क्षेत्रों में स्थित उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी के साथ ही शीघ्रता से उनका उठाव कराने के निर्देश दिए। हाथियों को रिहायशी क्षेत्रों से दूर रखने में लगे वनाधिकारी, हाथी मित्र दिल एवं अन्य स्टॉफ को सतर्कता से कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही लॉ एंड ऑर्डर बनाये रखने हेतु वन पुलिस व राजस्व विभाग की टीम को विभाग की टीम का पूर्ण सहयोग प्रदान करने निर्देशित किया। कलेक्टर ने विद्युत विभाग को हाथी विचरण क्षेत्रों में वन्य प्राणियों को नुकसान पहुँचाने वाले कम ऊंचाई वाले हाईटेंशन विद्युत आपूर्ति तारों को दुरुस्त करते हुए ऊंचाई बढ़ाने के कार्य को तेजी से पूर्ण कराने के निर्देश दिए। साथ ही ऐसे क्षेत्रों में ग्रामीणों द्वारा लगाए जाने वाले अवैध हुकिंग पर भी कड़ाई से रोक लगाने हेतु निर्देशित किया। कलेक्टर ने बैठक में हाथियों द्वारा किए जाने वाले फसल नुकसान एवं जनहानि की घटनाओं पर यथाशीघ्र मुआवजे का वितरण कराने हेतु निर्देशित किया गया। इस हेतु राजस्व अधिकारियों को यथाशीघ्र घटना स्थल का मुआयना कर प्रकरण तैयार करने के लिए कहा। साथ ही जनहानि के प्रकरण में पुलिस व स्वास्थ्य विभाग द्वारा शीघ्रता से पोस्ट मार्टम रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिससे पीडि़तों को त्वरित क्षतिपूर्ति प्रदान किया जा सके। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को धान के अतिरिक्त अन्य तिलहन, सरसों, हल्दी, मिर्च, अदरक जैसी लाभकारी फसल सहित बॉयो फेसिंग के रूप में उपयोगी नींबू, कांटा बांस, कैक्टस विभिन्न प्रजाति की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही। वनमण्डलाधिकारी कटघोरा द्वारा जिले में हाथी-मानव द्वन्द रोकने की दिशा में विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही के संबंध में भी विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्र में जंगली हाथियों के आगमन की सूचना ग्रामीणों को विभाग द्वारा प्राथमिकता से दी जाती है एवं ग्रामीणों को अनावश्यक जंगलों में नहीं जाने हेतु जागरूक भी किया जा रहा है।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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