प्रतापपुर शासकीय मदिरा दुकान का है मामला
मोहन प्रताप सिंह
राजधानी से जनता तक. सूरजपुर/प्रतापपुर:– नगर पंचायत प्रतापपुर के हाईटेक नया बस स्टैंड स्थित शासकीय अंग्रेजी मदिरा दुकान में नकली और मिलावटी शराब की बिक्री के मामले ने गंभीर रूप ले लिया है। स्थानीय नागरिकों और ग्राहकों द्वारा शिकायतें मिलने के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता से इस गोरखधंधे को बढ़ावा मिल रहा है। नकली शराब और मिलावटखोरी का खुलासा स्थानीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अंग्रेजी शराब की बोतलों में नकली शराब भरकर ग्राहकों को बेचा जा रहा है। कई बार बोतलों में छोटे जीव मिलने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जो मिलावटखोरी के गहरे जाल को उजागर करती हैं। यह भी बताया जा रहा है कि कम दाम वाली शराब में केमिकल मिलाकर उसे महंगे ब्रांड की बोतलों में बेचा जा रहा है। इससे न केवल स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि शासन को राजस्व का भी बड़ा नुकसान हो रहा है। शासकीय दरों से अधिक कीमत पर बिक्री शराब दुकान पर शराब की कीमतें शासन द्वारा निर्धारित दरों से ₹20 से ₹50 अधिक वसूली जा रही हैं। यह अवैध मुनाफाखोरी दुकान के कर्मचारियों और मैनेजर की मिलीभगत को दर्शाती है। देर रात तक जारी रहती है बिक्री शासकीय आदेशानुसार दुकान बंद करने का समय रात 10 बजे है लेकिन नया बस स्टैंड स्थित दुकान पर रात 12 बजे से 2 बजे तक शराब की बिक्री जारी रहती है। यह भी स्पष्ट रूप से नियमों की धज्जियां उड़ाने का मामला है शराब की अवैध तस्करी का संगठित रैकेट प्रत्यक्षदर्शियों और सूत्रों के अनुसार, सीमावर्ती उत्तर प्रदेश से सस्ती शराब लाकर क्षेत्र में खपाई जा रही है। उत्तर प्रदेश में शराब के सस्ते दामों का फायदा उठाते हुए इसे प्रतापपुर में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। इस तस्करी में स्थानीय शराब मैनेजर और आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की बात सामने आई है। ग्रामीण इलाकों में अवैध बिक्री का जाल शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक किराना दुकानों, होटलों, ढाबों, और पान दुकानों के माध्यम से शराब की अवैध बिक्री चरम पर है। यह धंधा भोले-भाले ग्रामीणों को लूटने और नशे की लत में फंसाने का काम कर रहा है। बस स्टैंड बना महखाना, पुलिस की भूमिका संदिग्ध शाम ढलते ही नया बस स्टैंड का इलाका महखाना में तब्दील हो जाता है। नगर पंचायत द्वारा छोटे व्यापारियों की जीविका के लिए बनाए गए शेड अब शराबियों का अड्डा बन गए हैं। यहां रात 12 बजे तक खुलेआम शराब का सेवन किया जाता है। पुलिस की निष्क्रियता और संरक्षण ने इन शराबियों को और अधिक बेखौफ बना दिया है। शासन को भारी राजस्व नुकसान अवैध शराब बिक्री और मिलावटखोरी के कारण शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं, शराब दुकान के मैनेजर और स्टाफ की मिलीभगत से यह गोरखधंधा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। प्रशासन और आबकारी विभाग पर सवाल लगातार शिकायतों और मीडिया में खबरों के बावजूद प्रशासन और आबकारी विभाग इस मामले में ठोस कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। यह निष्क्रियता विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। निष्कर्ष प्रतापपुर में शराब की अवैध बिक्री, नकली शराब का कारोबार, और शासकीय नियमों का उल्लंघन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो यह न केवल जनता के स्वास्थ्य और सामाजिक व्यवस्था के लिए खतरा बनेगा, बल्कि शासन की साख पर भी बुरा प्रभाव डालेगा। क्या कहते है आबकारी अधिकारी – सूरजपुर इस विषय में प्रदीप वर्मा सूरजपुर जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि इस तरह की शिकायत पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी फिलहाल का टीम भेज कर सभी शराब का सैंपल लेता हूं। नकली शराब अगर बेची जा रही है। तो इसकी शिकायत मुझे तत्काल करें ताकि मैं रंगे हाथ पकड़ लूं। नकली शराब बेचने पर तत्काल अपराध अग्निपथ करते हुए शराब मैनेजर एजेंट को बर्खास्त किया जाएगा।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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