राशि आहरण कर कूड़ेदान और वाटर कुलर नहीं लगाए,हैंडपंप की सफाई नहीं
देवभोग । पंचायत के फंड पर आचार संहिता का खतरा मंडरा रहा,कार्यकाल भी फरवरी में खत्म होगा इसलिए देवभोग जनपद के 50 पंचायत ने फाइलों में काम पूरा बता महज 15 दिन के भीतर 15 वे वित्त से 2.43 करोड़ रुपए का एजेंसियों को भुगतान दिखा दिया। मूडागांव में आक्रोशित ग्रामीणों ने शिकायत किया तो अन्य पंचायतों के करतूतों का भंडा फूटा।पूरा मामला देवभोग जनपद के मूडागांव पंचायत के पंचों ने सरपंच सचिव पर 15 वे वित्त योजना के कार्य समेत अन्य योजना में मनमानी का आरोप लगा कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत से शिकायत किया है। उपसरपंच भुवन मरकाम, पंच रायबती नागेश,भानो बाई,उपेंद्र समेत 100से भी ज्यादा ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि सरपंच सचिव ने बगैर पंचायत में प्रस्ताव पास किए पहले तो बोगस तरीके से कार्य योजना बना दिया,फिर 18 बिल के सहारे दिसम्बर माह के 9 से लेकर 26 तारीख के बीच 10 लाख से ज्यादा का भुगतान फर्मों को किया गया।शिकायत के बाद कराए गए कार्य की पड़ताल के लिए गांव पहुंचे,शिकायतकर्ताओं के साथ उन कामों को ढूंढ रहे थे जिनके एवज में भुगतान किया गया। गांव में कूड़ेदान तो नहीं मिला पर कचरे का ढेर दिखा, हैंडपंप में सफाई के बजाए गंदगी पसरा दिखा।वाटर कूलर भी नहीं दिखा। जिन दो हैंडपंप खनन के एवज में डेढ़ लाख भुगतान किया गया था वह पंप भी नहीं दिखा। ग्रामीणों ने कहा कि पांच साल में ग्राम विकास की इतनी तत्परता नहीं दिखाई,विकास मद को पांच दिन में बंदरबाट किया गया।दबे जुबान ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान सरपंच के पति दोबारा सरपंच बनना चाह रहे,इसलिए अनियमितता कर रकम उठाया और उसे मतदाता लुभाने खर्च किया जा रहा।50 पंचायतों ने 2 करोड़ से ज्यादा निकाले,15 ऐसे जिन्होंने 5 लाख से ऊपर खेला किया*:- पहले जारी निर्देश के मुताबिक 23 दिसम्बर को मतदाता सूची का अन्तिम प्रकाशन था,अनुमान था कि 30 दिसंबर को ही अचार संहिता लग जाएगा।बस इसी का फायदा उठा कर श्रीमान लोगों ने 15 वे वित्त का खजाना नियम विरूद्ध खाली कर दिया।हमारी पड़ताल में पता चला कि 8 दिसम्बर से 26 दिसंबर तक ,50 पंचायत ने 15 वे वित्त योजना के 2 करोड़ 17 लाख 8150 रुपए आहरण कर लिए।इसके लिए कारोबारियों के बिल का सहारा लिया।मामले में जांच हुई तो मुडागांव की तरह ही बाकी पंचायतों में भी ज्यादातर काम केवल फाइलों में दिखेगा।12 फरवरी 2025 कार्याकाल खत्म हो रहा है, ऐसे में मनमानी करने वाले कार्यवाही से भी भय नहीं खा रहे।5 लाख से ज्यादा आहरण करने वाले पंचायत*– ग्रा.पं. बाड़ीगांव 596888रु, ग्रा. पं.बरबहली 740324 रु,ग्रा.पं.धौराकोट 615682 रु, ग्रा.पं. डोहल 588800 रु, ग्रा. पं.डूमरबहाल 1385590रु, ग्राम पंचायत गंगराजपुर 749900 रु, ग्राम पंचायत झाखरपारा 571100रु, ग्रा.पं. कैंटपदर 1058870 रु, ग्रा.पं. करचिया 776492रु, ग्रा.पं. लाटापारा 517478रु,ग्रा.पंच. मुड़ागांव-951580,ग्रा. पं. नवागुड़ 54300रु, ग्राम पंचायत निष्टीगुड़ा 496020रु, ग्रा.पं.- सुकलीभाटा 718930रु,ग्रा.पंच. सितलीज़ोर 1065000रु,ग्रा. पं. उसरीपानी 746080रु, राशि का आहरण किया है।आहरण नियम विरूद्ध क्यों– 15 वे वित्त योजना की राशि का पूरा कंट्रोल पंचायत के हाथ में होता है। पूर्व में हो रहे मनमानी को देखते हुए , व्यय के कई कड़े प्रावधान कर दिए गए है।जिसके तहत पंचायत में प्रस्ताव पारित कर पहले कार्य योजना में काम का विवरण आन लाइन करना होता है। पंचों के संज्ञान में काम की शुरुआत होती है।खर्च के लिए भी मद तय है,जिसके तहत सफाई,स्वास्थ्य जैसे हेड तय किए गए हैं।कार्य से पहले बतौर एडवांस 30 फीसदी राशि व्यय का प्रावधान है। फिर प्रोग्रेस पर 30 और अंत में कार्य के पूर्णता प्रमाण पत्र के बाद 40 फीसदी फाइनल भुगतान।लेकिन दिसम्बर में हुए भुगतान के तरीके बता रहे है कि इनका पालन नहीं किया गया है।रवि कुमार सोनवानी,सीईओ देवभोग जनपद- मूडागांव मामले की जांच करने मै स्वयं मंगलवार को जाऊंगा। बाकी अन्य पंचायत की भुगतान की जानकारी नहीं है।क्योंकि इस मद पर खर्च करने का अधिकार पंचायत को होता है। लेकिन नियम से नहीं हुआ होगा तो जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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