शुद्धि क्रिया के दौरान गंगा नदी में एक परिवार के चार लोग डूबे

कड़ा, (कौशाम्बी) । कड़ाधाम थाना क्षेत्र के बाजार घाट पर पिता के दसवां कर्मकांड के लिए गंगा घाट पर गए दो सगे भाई व उनके पुत्र गंगा नदी के गहरे जल में समा गए।इस हादसे में एक पिता-पुत्र को गंगा नदी से बाहर निकाल लिया गया जिसमें पिता की मौत हो गयी और पुत्र सकुशल है वहीं गंगा नदी में समाए दूसरे पिता-पुत्र की खोजबीन का कार्य लगातार जारी है।हादसे के बाद पूरा परिवार गमगीन है।सूचना पर मौके पर पहुंचे आलाधिकारियो ने गंगा नदी में समाए पिता- पुत्र को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ टीम को प्रयागराज से बुलाया है।
जानकारी के अनुसार नगर पंचायत दारानगर कड़ाधाम के दारानगर निवासी जय जनार्दन मिश्रा रिटायर्ड फौजी थे और इन दिनों प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के मधुबन विहार प्रीतम नगर में अपने परिवार के साथ रहते थे।रविवार को वह अपने पिता स्व मनमोहन मिश्रा के दसवां कर्मकांड में सम्मलित होने के लिए अपने पुत्र ऋषभ मिश्रा के साथ अपने पैतृक घर दारानगर आए थे।सोमवार को कड़ा के बाजार घाट पर पिंडदान व कर्मकांड के पश्चात ऋषभ 16 वर्ष  गंगा नदी में स्नान के लिए गया तभी उसका पैर फिसल गया और वह गंगा नदी में डूबने लगा।पुत्र को डूबता हुए देखा तो पिता जय जनार्दन 50 वर्ष बचाने के लिए गंगा नदी में कूद पड़े।घटना के बाद घाट पर मौजूद परिजनों में अफरा तफरी मच गई।पुत्र को बचाने गए जयजनार्दन भी डूबने लगे तो घाट पर मौजूद उनके बड़े भाई जयकृष्ण मिश्रा 55 वर्ष ने भी अपने भाई व भतीजे को बचाने के लिए गंगा नदी में छलांग लगा दी।जल स्तर ज्यादा होने के कारण एक दूसरे को बचाने गए लोग गंगा नदी के वेग को झेल न सके और सभी डूबने लगे।अपने चचेरे भाई, चाचा व पिता को डूबता देख घाट पर मौजूद शिखर मिश्रा 25 बर्ष भी बचाव के लिए गंगा नदी में कूद गया और खुद भी डूबने लगा। स्थानीय गोताखोरों ने जयकृष्ण और उनके पुत्र शिखर को गंगा नदी से बाहर निकाल लिया।परिजनों ने दोनों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ चिकित्सकों ने परीक्षण के दौरान जयकृष्ण को मृत घोषित कर दिया वहीं शिखर की हालत सामान्य बतायी जा रही है।घटना के कई घण्टे बीत जाने के बाद भी जयजनार्दन व उनके पुत्र ऋषभ का कोई पता नही चल सका है। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह, उपजिलाधिकारी सिराथू अजेंद्र सिंह, क्षेत्राधिकारी सिराथू अवधेश कुमार विश्वकर्मा, नायब तहसीलदार अतुल कुमार ने राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया और पिता-पुत्र की खोजबीन के लिए एनडीआरफ की टीम से मदद मांगी है।

क्या कहते है क्षेत्राधिकारी सिराथू
कौशाम्बी। इस विषय में सीओ सिराथू अवधेश कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि कडाधाम थाना क्षेत्र के बजार घाट में शुद्धि क्रिया के दौरान गंगा स्नान कर रहे एक ही परिवार के 04 लोग एक दूसरे को बचाने के प्रयास में नदी में डूव गए थे। सूचना पर स्थानीय पुलिस द्वारा दो व्यक्तियों को गोताखोरों की मदद से बाहर निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिनमें से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी, शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हेतु मार्चरी भेजा गया है। नदी में डूवे अन्य 02 व्यक्तियों की तलाश जारी है।
घाट पर मौजूद हजारों की भीड़ के नहीं थम रहे आंसू
कौशाम्बी। बाजार घाट पर सोमवार को हुए हादसे ने सबको झकझोर दिया है। हर कोई स्तब्ध है। लोग निःशब्द हैं। रिटायर्ड फौजी जय जर्नादन इकलौते बेटे ऋषभ के साथ गंगा नदी में समाया हुआ है। जय जर्नादन की पत्नी आद्या मिश्रा व उसकी तीनों बेटियां छाती पीट-पीट कर रो रही हैं। आंखें पथरा चुकी है। शून्य में निहार रहीं आद्या मिश्रा अपने पति व इकलौते बेटे को गंगा एकटक खोज रही हैं तो वहीं बेटियां अपने पिता व भाई को तलाश रही हैं। पिता-पुत्र को खोजने के लिए एनडीआरएफ टीम आई तो उनके सुरक्षित होने की संभावनाएं जिंदा हो गई। इसी उम्मीद पर घाट किनारे मौजूद हजारों लोग आंसुओं की धारा के बीच अपने दोनों हाथ उठाए मां जान्हवी से पिता-पुत्र को सुरक्षित निकालने की मांग कर रहे है। वहां मौजूद हर आंख रो रही है… कोई फरियाद कर रहा है तो कोई अरदास लगा रहा है। दुआओं में भी असर भरपूर डालने की कोशिश हो रही है। प्रशिक्षित नाविक व एनडीआरएफ टीम पूरे जीजान से पिता-पुत्र को खोजने में लगी है। जय जर्नादन मिश्र रिटायर्ड फौजी हैं। फौज से रिटायर्ड होने के बाद वह बम्हरौली एयरफोर्स में सिक्योरिटी की नौकरी कर रहे थे। पिता मनमोहन का निधन होने पर वह परिवार समेत दारानगर आए थे। वह मूल रूप से थुलगुला गांव के रहने वाले हैं, लेकिन एक लंबे समय से परिवार दारानगर में रह रहा था। सोमवार को पिता का दसवीं संस्कार होना था। जय जर्नादन मिश्र व उनके बडे भाई जय कृष्ण परिवार के साथ बाजार घाट गए थे। गंगा स्नान के दौरान हादसा हुआ। रिटायर्ड फौजी का बेटा ऋषभ मिश्र पहले गंगा नदी में स्नान के लिए गया। गहरे पानी में वह डूबने लगा तो उसके बचाने के चक्कर में पिता जय जर्नादन मिश्र, जयकृष्ण व उनका बेटा शिखर दीप मिश्र गंगा नदी में कूद गए। सभी लोग डूबने लगे थे। शिखर दीप मिश्र व जय कृष्ण को बाहर निकाला गया, लेकिन जय कृष्ण की सांसें अस्पताल में थम गई। जय जर्नादन मिश्र व उनका इकलौता बेटा ऋषभ गंगा में समाए हुए हैं। इनकी खोज के लिए एनडीआरएफ की टीम घंटों से मशक्कत कर रही हैं, फिलहाल कामयाबी नहीं मिली है। जय जर्नादन मिश्र की पत्नी आद्या व उनकी तीनों बेटियां विभा, अंशिका और मानसी का रो-रोकर बुरा हाल है। इनका रुदन सुनकर लोगों का कलेजा कांप जा रहा है।
मृतक परिजनों से मिलकर जिलाध्यक्ष भाजपा ने दी सांत्वाना
कौशाम्बी। आज विधानसभा सिराथू के कड़ाधाम में पिता के शुद्ध कार्यक्रम के दौरान जय कृष्ण मिश्रा पुत्र मनमोहन मिश्रा मृतक व दो अन्य पारिवारिक लोग जय जनार्दन मिश्रा पुत्र मनमोहन मिश्रा, ऋषभ दीप मिश्रा पुत्र जनार्दन मिश्रा जो अभी तक लापता है व शिखर मिश्रा पुत्र जय श्री कृष्ण मिश्रा को नाविकों ने बचा लिया। इसी मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मराज मौर्य ने परिवार वालों से मिलकर सांत्वाना दी तथा जिलाधिकारी से बात करके हर संभव मदद करने को कहा।
निर्दयी न बनो ‘पालनहार मां’ बच्चों पर कृपा करो, -घाट पर मौजूद बुजुर्ग मांग रहे मनौती
कौशाम्बी। मनमोहन मिश्र के परिवार को आखिर किसकी नजर लगी है। आखिर इस परिवार की क्या खता है। मनमोहन का दसवीं संस्कार करने आए बच्चों पर ऐसी विपदा क्यों आन पड़ी है। यही सवाल घाट पर मौजूद हर शख्स एक दूसरे से कर रहा है। बुजुर्ग महिलाएं व पुरुष आंख मूंदे बस यही कामना कर रहे हैं कि हे मां गंगा…हे मां शीतला तुम तो पालनहार हो, फिर क्यों निर्दयी बनी हो, इस परिवार के बच्चों पर कृपा करो। गंगा में डूबे पिता-पुत्र को अपनी गोद से सुरक्षित बाहर निकालो।
बाजार घाट में हुए हादसे की खबर जिसने सुनी वह बौखला गया। तमाम लोग ऐसे थे, जिन्हें दसवीं संस्कार कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन ठंड की वजह से वह घर से नहीं निकल सके थे। हादसे की खबर मिली तो वह बौरा गए। बदहवास हालत में घाट पर पहुंचे। वहां का नजारा देखा तो सुधबुध खो बैठे। जो बुजुर्ग ठंड की वजह से घरों में अलाव के पास सिमटकर बैठे थे, वह भी घाट की ओर भागे। बुजुर्ग महिलाएं भी खुद को नहीं रोक सकीं। गंगा किनारे कोहराम मचा हुआ है। रोने-चीखने की आवाजों से लोगों का कलेजा चाक हो रहा है। महिलाओं के रुदन से वहां मौजूद लोगों का दिल बैठ रहा है। गंगा किनारे मौजूद बुजुर्ग व वृद्ध महिलाएं यहीं कह रही हैं कि इन बेकसूरों पर क्यों निर्दयी बनी हैं मां। सबको पालने वाली मां शीतला देवी से वह कह रही हैं कि वह कृपा बरसाएं। वह तो शीतलता का प्रतीक हैं, ऐसा क्यों हो रहा है। इस परिवार पर आई इस विपत्ति को वह हरने की मनौती मान रही हैं। पिता-पुत्र को सुरक्षित निकालने की मनौती मानते हुए कोई कह  रहा है कि वह भंडारा करेगा तो कोई कह रहा है कि वह निशान चढ़ाएगा।
शिखर के लिए भगवान बन गया नील कमल
कौशाम्बी। गंगा स्नान के दौरान जब ऋषभ डूबने लगा तो उसको बचाने के चक्कर में पिता जय जर्नादन, उसके बड़े पिता जय कृष्ण और बड़े पिता का लड़का शिखर दीप मिश्र भी डूबने लगे थे। इससे घाट में मौजूद लोग हड़बड़ा गए थे। इसी बीच सूझबूझ से नील कमल मिश्र ने काम लिया। लोगों ने जो शाल व गमछा ओढ़ रखा था, उसको बांधकर गंगा नदी में फेंका। शिखर ही शाल को पकड़ पाया था, जिसे बाहर खींच लिया गया था, बाकी लोग शाल नहीं पकड़ पाए थे। नील कमल मिश्र अफसोस जताते हुए कह रहे हैं कि उसने प्रयास पूरा किया था, लेकिन सभी को बाहर नहीं निकाल पाया।
कोखराज थाना पुलिस को भी किया गया अलर्ट
कौशाम्बी। गंगा में समाए ऋषभ व उसके पिता जय जर्नादन मिश्र की गंगा नदी में खोजबीन जारी है। स्थानीय नाविकों की टोली के अलावा एसडीआरएफ की टीम भी सक्रिय है। हादसे की जानकारी होने पर एएसपी राजेश कुमार सिंह सीओ सिराथू अवधेश विश्वकर्मा के साथ मौके पर पहुंचे। वहां मौजूद लोगों से बातचीत करने के बाद पुलिस की गोताखोर टीम से बातचीत की। इसके बाद एक टीम को और बढ़ाया गया। साथ ही कोखराज थाना पुलिस को निर्देश दिया कि वह अपने क्षेत्र के नाविकों से संपर्क कर उन्हें भी खोजबीन में लगाए।
हादसे की जानकारी लेते रहे अफसर
कौशाम्बी। गंगा किनारे हुए हादसे की जानकारी होते ही डीएम मधुसूदन हुल्गी व एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने अफसरों को सतर्क करते हुए बचाव कार्य के लिए सक्रिय कर दिया था। इसके बाद एएसपी व सीओ वहां पहुंचे। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। हादसे की देर शाम तक दोनों अधिकारी जानकारी लेते रहे। एसडीएम सिराथू अर्जेंद्र सिंह भी राजस्व कर्मियों के साथ घाट पर काफी देर तक मौजूद रहे।
महाकुंभ के लिए गंगा नदी में छोड़ा गया है पानी
कौशाम्बी। महाकुंभ के लिए गंगा नदी में लगातार गंगा बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है। इससे गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। बढ़े हुए पानी को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति रहती है। कहां पानी गहरा है, और कहां नहीं है, इसका आसानी से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। लोगों का कहना है कि बढ़े हुए पानी की वजह से हादसा हुआ। यदि गंगा नदी सामान्य रूप में होती तो यह हादसा शायद न होता।
बाजार घाट में सुरक्षा के नहीं हैं कोई इंतजाम
क्रियाकर्म के लिए इस घाट पर लोगों की होती है भीड़
कड़ा के प्रमुख घाटों में शामिल है बाजार घाट। इसके इस घाट पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं, जबकि अंतिम संस्कार व अन्य क्रिया कर्म के लिए यहां प्रतिदिन लोगों की भीड़ जुटती है। लोगों का कहना है कि यदि सुरक्षा के इंतजाम होते तो यह हादसा न होता।
कड़ा धाम क्षेत्र में गंग किनारे कई घाट हैं। इनमें प्रमुख घाट में कुबरी घाट, हनुमान घाट, बाजार घाट व कालेश्वर घाट शामिल हैं। कुबरी घाट को छोड़कर कहीं भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। कुबरी घाट को पक्का घाट बनाया गया है। यहां बैरीकेडिंग भी रहती है। इस घाट के अलावा अन्य किसी घाट की कभी भी बैरीकेडिंग नहीं होती है। महाकुंभ के लिए गंगा नदी में पानी छोड़ा गया है। इसके बावजूद यहां बैरीकेडिंग नहीं कराई गई थी। यही कारण था कि जब गंगा स्नान के लिए ऋषभ उतरा तो उसको अंदाजा ही नहीं था कि वह गहरे पानी में चला जाएगा। हादसे के बाद लोग इस मामले में स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
एक साल पहले इस घाट पर हो चुका है हादसा
कौशाम्बी। बाजार घाट में एक साल पहले सावन के महीने में हादसा हुआ था। इस्माइलपुर निवासी मोहम्मद (17) पुत्र दानिश अपने तीन अन्य साथियों के साथ गंगा नदी में डूब गया था। वहां मौजूद लोगों ने उसके तीनों साथियों को तो बचा लिया था, लेकिन मोहम्मद को नहीं बचा सके थे। घंटों बाद मोहम्मद की लाश मिली थी।
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया जय कृष्ण का शव
कौशाम्बी। बाजार घाट में गंगा नदी किनारे हुए हादसे में जय कृष्ण की मौत हो गई है। जय कृष्ण को नाविकों ने बाहर निकाल लिया था, लेकिन हालत खराब थी। सीएचसी इस्माइलपुर में इलाज के दौरान चिकित्सकों ने जय कृष्ण को बचाने की भरपूर कोशिश की। सीने को पंप किया गया, पानी निकालने के लिए हर जतन किया गया, लेकिन डॉक्टर बचा नहीं सके। जय कृष्ण स्कूल प्रबंधक थे। उनकी मौत से परिजनों में रोना-पीटना मचा हुआ है। पुलिस ने जय कृष्ण के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
शिखर को अस्पताल से भेजा गया घर
कौशाम्बी। शिखर के पिता जय कृष्ण की मौत हो चुकी है। शिखर की भी हालत खराब थी, लेकिन उसे डॉक्टरों ने बचा लिया है। करीब एक घंटे तक उसका इलाज चला। इसके बाद चिकित्सकों ने उसको घर भेज दिया। घर में मौजूद शिखर अपने पिता व चाचा जय जर्नादन मिश्र व चचेरे भाई ऋषभ को याद करके जारोकतार रोए जा रहा है। लोग उसे शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन गमों का ऐसा पहाड़ टूटा है कि वह चुप ही नहीं हो रहा है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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