राजस्व सीमांकन से असंतोष किसान लगा रहा शासन प्रशासन से गुहार

राजधानी से जनता तक जिला प्रमुख पवन तिवारी कबीरधाम 

 

पंडरिया ब्लॉक के ग्राम धुतपुर का पूरा मामला।

 

जिस खसरे को 2017 में कृषक रेगहा पर दिया था आज वो खसरा किसी और के नाम कैसे हो गया

 

कवर्धा – ग्राम धुतपुर के किसान मनीष पाण्डेय, पिता स्वर्गीय मदन लाल पाण्डेय, पटवारी हल्का नम्बर 35, स्थित भूमि खसरा नंबर 93/1,रकबा 0.454 हेक्टेयर भूमि का चौहाद्दी जानने तहसील कार्यालय में आवेदन दिया मौके पर आर आई व पटवारी के द्वारा सीमांकन कर कृषक को बताया की स्थाई सीमा चिन्ह जैसे चाँदा मुनारा नहीं होने के कारण तिमेडा, चौमेडा को आधार मानकर चिन्हांकित कर कृषक को बताया गया पर यह नही सुनिश्चित किया गया कि किस तरफ और कितनी भूमि दबी हुई है जिससे मनीष पांडे आसपास के कृषकों के साथ विवाद की स्थिति निर्मित होते रहती है। मनीष पाण्डेय का कहना है की सन 2017 में हमारे द्वारा गजपाल पात्रे को खसरा नम्बर 94/2, 149/11, 149/2, 153/2, 153/1 लगभग 4.50 एकड़ भूमि कोरेगहा पर क़ृषि कार्य करने दिया गया था ऐसे में हमारे नाम की पैतृक भूमि किसी और के नाम क्यों दिखा रहा है जो की जाँच का विषय है मनीष पाण्डेय का कहना है की एक बार राजस्व की टीम ये लिखित में बताये की मेरी भूमि किसी अन्य के नाम पर व मेरी भूमि पर अन्य अवैध कब्ज़ा किस नाप जोप का परिणाम है। कृषक का कहना है की मेरी कुल भूमि में आस पास के कृषको का अवैध कब्ज़ा है इसके बावजूद भी राजस्व की टीम सुनिश्चित नाप नही कर अन्य कृषको को संरक्षण दे रही है राजस्व टीम किसके दबाव में आकर यह काम कर रही है ये वहीं बता सकते है ऐसे मे कृषक परेशान होकर लिखित शिकायत स्थानीय विधायक श्रीमती भावना बोहरा को दिनांक 22/04/2024 को एवं 24/04/2024 को उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के कार्यालय कवर्धा में भी आवेदन दिया गया औरजिला कलेक्टर को उचित कार्यवाही हेतु आवेदन दिनांक 19/06/2024 को दिया गया इसके बावजूद भी कृषक को न्याय अब तक नही मिल पा रहा है ऐसे में कृषक मनीष पांडे ने मीडिया के माध्यम से अपनी बात रखी और उचित न्याय की मांग की है। संबंधित विषय की जानकारी हेतु हल्का पटवारी राजाराम पुषाम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सीमांकन की पूरी प्रक्रिया आर आई की होती है मैं सिर्फ वहां पर नाप के लिए ही उपस्थित रहता हूं, ऐसे में जब आर आई अजय पाण्डेय से जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया की कृषक ने सीमांकन के बाद दोबारा फिर किये गए सीमांकन पर असंतुष्टि जाहिर की है यदि आदेश आता है तो नाप किया जायेगा।के बाद आर आई व पटवारी के द्वारा सीमांकन तो किया गया पर किसान को यह नही बताया गया की किसान की कितनी जमीन कहाँ कहाँ और किस किसान के पास कितनी दबी है, किसान का कहना है की मौके पर हाथ के इशारे से आर आई पटवारी बता रहे है की इधर आप की जमीन है उधर भी आप की जमीन है, पंचनामा में भी कहीं कोई उल्लेख नही किया गया है यदि पंचनामा की कॉपी देखी जाये तो सिर्फ चिन्हकित कर बतया गया ऐसा लिखा है ऐसे में किसान के साथ आस पास के अन्य किसान से विवाद की स्थित होते रहती है। 11 एकड़ से अधिक की भू स्वामी के पास मौके पर सिर्फ 4 से 5 एकड़ जमीन हीं है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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