गरियाबंद डीईओ द्वारा जारी निलंबन आदेश सवालों के घेरे में लापरवाही किसकी

आखिर इतनी बड़ी चूक क्यों. गलती किसकी, आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर निलंबन तुरंत

गरियाबंद-:जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद एके सारस्वत ने गत दिन एक प्रधानपाठक का निलंबन आदेश जारी किया उक्त निलंबन में हुये लेटलतीफी और कार्यालयीन लापरवाही परिलक्षित हुई। अवगत हो की गरियाबंद जिले के एक प्रधानपाठक/आश्रम अधीक्षक पीपरछेड़ी यशवंत कुमार नाग के विरुद्ध राजिम थाने में एक शिकायत दर्ज हुई जिसमें यशवंत नाग ने कुछ लोगो के साथ मिल कर क्षेत्र के लोगो को ट्रेड एक्शपो कंपनी में लगभ 4करोड़ 83लाख30हजार की राशि प्रतिदिन एकफीसदी ब्याज मिलने के नाम पर निवेश करवाई परंतु लोगो को वांछित लाभ नहीं मिलने के बाद दर्जनों लोगो नेअपने ठगे जाने के संबंध में19दिसंबर कोराजिम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई पुलिस ने मामले में धारा 420,34 दर्ज करते हुये शासकीय शिक्षक यशवंत कुमार नाग को अभिरक्षा में लेते हुये 20दिसंबर को जेल दाखिल कर इसकी सूचना जिला शिक्षा कार्यालय को29/12/24 को दे दी। अपने अधीनस्थ कर्मचारी के जेल दाखिल होने की सूचना मिलने के बाद भी कार्यालय से आरोपी कर्मचारी के विरुद्ध किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं करते हुये मामले में आरोपी को विभागीय कार्यवाही से बचाए रखा। इसकी सूचना मीडिया में आने के बाद एक मीडिया कर्मी के द्वारा याद दिलाए जाने के बाद नींद से जागा डीईओ कार्यालय से उक्त आरोपित कर्मचारी के विरुद्ध निलंबन को लेकर एक आदेश17जनवरी को जारी किया जिसमें निलंबित किये जाने की जगह अपनी लेट लतीफी पर पर्दा डालने 29/12/24से निलंबित समझा जाए एहसास अनुभव करने का आदेश जारी किया जो प्रशासनिक हास्यास्पद आदेश होता है हो सकता है उक्त

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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