मत्स्य विभाग द्वारा 8 दिवसीय प्रशिक्षण किसानों को दिया प्रशिक्षण में शामिल हुए व्यापारी प्रकोष्ठ जिला संयोजक शोभा चंद पात्र

संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल राजधानी से जनता तक

देवभोग – केन्द्र व छत्तीसगढ़ सरकार मत्स्य विभाग द्वारा संचालित मत्स्य पालन योजना को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को मच्छली पालन की गतिविधियों को लेकर गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल के दिशा-निर्देश के तहत देवभोग विकास खण्ड के ग्राम झाखरपारा में आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में, जिले व ब्लाक के मत्स्य पालन विभाग अधिकारी व कर्मचारीयों ने उक्त किसानों को प्रशिक्षण के माध्यम से मत्स्य पालन के प्रति जागरूक लाने के उद्देश्य से 8 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रखीं गई थी। कार्यशाला में मत्स्य विभाग ने क्षेत्र के सभी किसानों को मत्स्य पालन के महत्व के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी अवगत कराया गया। उन्होंने कृषकों को मत्स्य पालन के सभी मूल तत्वों को बारी बारी से बताई गई। प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना से होने वाले लाभ तथा शासन द्वारा प्रदाय सब्सिडी की जानकारी दी गई। मत्स्य उद्योग की आठ दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल हुए व्यापारी प्रकोष्ठ जिला संयोजक शोभा चंद पात्र ने कहा कि केंद्र व छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार विष्णु देव साय ने मोदी की गारंटी के तहत छत्तीसगढ़ की जनताओं को विभिन्न योजनाओं से मुहिम कराई जाने कार्य कौशल पखवाड़ा शिविर का आयोजन रखीं जा रही है। ताकि ग्रामीण इलाकों में मत्स्य पालन की नई पद्धति से लाख गुना आमदनी प्राप्त हो, जिससे आर्थिक परिस्थितियों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया जा सकें । इस उद्देश्य से मत्स्य विभाग द्वारा उपस्थित सभी कृषकों को कार्य योजना तैयार कर उन्हें मत्स्य पालन की गतिविधियों को लेकर आठ दिवसीय प्रशिक्षण रखी गई थी। गांव में ही अनेक प्रकार कि घरेलू उत्पादन कर अपनी आजीविका को बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने यह बताया कि छत्तीसगढ़ शासन ने किसानों को कृषि क्षेत्रों में उन्नति लाने में विभिन्न योजनाएं संचालित कि जा रही है, लेकिन ग्रामीण किसान कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट उत्पादन हेतु अब-तक परिवर्तन नहीं किया गया है।पुरानी पद्धति से अभी भी कई किसाने जारी रखें गए है। नई पद्धति से कृषि कार्य नहीं करने की वजह से किसान दस गुना महंगाई से जूझ रहा है। किसान अपने खेतों में कृषि पद्धति बदलाव कर आय सृजन किया जा सकता है, जिससे परिवार में खुशहाली जीवन निर्वाह किया जा सकें। इसी तरह से गांव में जल मग्न के विभिन्न संसाधन हैं जैसे कि तालाब,डबरी,कुंआ,बांध व इन सभी स्त्रोत के माध्यम से मत्स्य पालन किया जाता है। लेकिन जितनी जल्दी संभव हो सकता है इतनी तेज से परिवर्तन नहीं होता है। बल्कि किसान को दुगना नुकसान हो जाता है आर्थिक स्थिति लड़खड़ा जाती हैं। इस बीच उपस्थित शोभा चंद पात्र ने अपने क्षेत्रों के किसानों को यह बताया कि कृषि क्षेत्रों में परिवर्तन कर शासन द्वारा अनुदान दी गई उन तालाबों,व डबरी में मत्स्य पालन की नई तकनीकी से आमदनी में इजाफा किया जा सकता है। आज के इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जनपद पंचायत सदस्य उर्मिला पात्र, झाखरपारा मण्डल अध्यक्ष भगवानों बेहेरा, व्यापारी प्रकोष्ठ जिला संयोजक शोभा चंद पात्र, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता देवानंद चंद्राकर, प्रशिक्षण प्रभारी, अधिकारी व कर्मचारी साथ में सभी ग्रामीण किसान भी मौजूद रहे।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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