छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में 100 अत्याधुनिक नंद घर स्थापित करेगा वेदांता

साझेदारी के तहत सक्ती जिले की 100 ब्राउनफील्ड आँगनवाडिय़ों को आधुनिक नंद घरों में तब्दील किया जाएगा

वेदांता समूह ने भारत के 15 राज्यों में 7,000 नंद घर स्थापित कर ग्रामीण विकास को नई दिशा दी है, जहाँ शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और कौशल 

विकास के क्षेत्र में उन्नत सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं

सामुदायिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए, वेदांता ग्रुप अपनी प्रमुख महिला और बाल विकास पहल प्रोजेक्ट नंद घर के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सक्ती जिले में 100 नंद घर स्थापित करेगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना वेदांता की सामाजिक प्रभाव शाखा अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) और सक्ती जिले के महिला और बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग के बीच साझेदारी के तहत चलाई जा रही है, जिसके लिए हाल ही में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।यह पहल वेदांता लिमिटेड छत्तीसगढ़ थर्मल पॉवर प्लांट (वीएलसीटीपीपी) द्वारा समर्थित है। सिंघीतराई में वीएलसीटीपीपी का निर्माणाधीन थर्मल पॉवर प्लांट है, जिसकी कुल क्षमता 1,200 मेगावाट है। सक्ती के महिला और बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग ने 100 ब्राउनफील्ड आँगनवाडिय़ों की सूची तैयार की है, जिन्हें आधुनिक नंद घरों में बदलने का काम किया जाएगा। प्रोजेक्ट नंद घर वेदांता ग्रुप की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो पारंपरिक आँगनवाडिय़ों को अत्याधुनिक सुविधाओं में बदलकर समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है।सक्ती जिले के महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सुधाकर बोदले ने समुदाय के विकास के प्रति वेदांता ग्रुप की प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए कहा, हमारे जिले की आँगनवाडिय़ों को नंद घरों में बदलने के उद्देश्य से अनिल अग्रवाल फाउंडेशन और वीएलसीटीपीपी के बीच हुई महत्वपूर्ण साझेदारी वास्तव में सराहनीय है। ये आधुनिक केंद्र एक बेहतर इकोसिस्टम से लैस होंगे, जिससे हमारे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, उनके समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा और महिलाएँ सशक्त बनेंगी। मुझे विश्वास है कि यह साझेदारी नए अवसर उत्पन्न करेगी और सक्ती जिले के जरूरतमंद लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।श्री शशि अरोड़ा, नंद घर के सीईओ ने कहा, मैं छत्तीसगढ़ सरकार और सक्ती जिले के महिला और बाल विकास विभाग का आभारी हूँ, जिन्होंने हमें 100 मौजूदा आँगनवाडिय़ों को तकनीकी दृष्टि से उन्नत नंद घर केंद्रों में बदलने की जिम्मेदारी दी है, ताकि बच्चों और महिलाओं का समग्र विकास हो सके। 15 राज्यों में पहले से 7,000 से अधिक नंद घर सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं, और यह हमारा सौभाग्य है कि हम 5 लाख से भी अधिक बच्चों और महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान दे रहे है। हम इस यात्रा को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि बच्चों की देखभाल के क्षेत्र में क्राँति लाई जा सके। हमारा मुख्य ध्यान कुपोषण से लडऩे, प्री-प्राइमरी शिक्षा को बेहतर बनाने और महिलाओं को सशक्त बनाने पर है। हम राज्य और केंद्र सरकारों के साथ मिलकर समुदायों को सशक्त बनाने और स्थायी बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं।देवेंद्र कुमार पटेल, वेदांता लिमिटेड छत्तीसगढ़ थर्मल पॉवर प्लांट के मुख्य प्रचालन अधिकारी ने परियोजना की शुरुआत पर बोलते हुए कहा, वेदांता समूह के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल के दूरदर्शी नेतृत्व में, हम बड़े पैमाने पर महत्वपूर्ण निवेश कर रहे हैं, ताकि सामुदायिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके और जरूरतमंदों को इसका वास्तविक लाभ मिल सके। नंद घर पहल सक्ती जिले के बच्चों और महिलाओं के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है, जो परिवर्तनकारी अवसर प्रदान करती है और सतत विकास को प्रोत्साहित करती है। अपने केंद्रित दृष्टिकोण और अटूट समर्पण के साथ, यह परियोजना छत्तीसगढ़ के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने और एक उज्जवल तथा अधिक समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी।वेदांता समूह ने अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख पहल नंद घरÓ के माध्यम से ग्रामीण बाल देखभाल और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों को आधुनिक रूप देने में अग्रणी भूमिका निभाई है। महिला और बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से स्थापित इस परियोजना का लक्ष्य देश भर की 13.7 लाख आँगनवाडिय़ों के माध्यम से 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं को सशक्त बनाना है। बेहतर स्वास्थ्य, पोषण और कौशल विकास के अवसर प्रदान करके, यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों को भारत के विकास की मुख्यधारा से जोड़ती है। इस दिशा में, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) ने नंद घर नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए कई साझेदारियाँ की हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में पहले से ही 262 नंद घर संचालित हो रहे हैं।नंद घरों को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि ये ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों और महिलाओं के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव ला सकें। सतत विकास को ध्यान में रखते हुए बनाए गए इन केंद्रों में आधुनिक सुविधाएँ जैसे स्मार्ट लर्निंग टूल्स, बिजली, स्वच्छ पेयजल और साफ-सुथरे शौचालय उपलब्ध हैं। ये केंद्र बच्चों और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सक्षम वातावरण तैयार करते हैं। इंटरएक्टिव ई-लर्निंग मॉड्यूल्स और स्मार्ट टीवी के माध्यम से 3 से 6 साल के बच्चों को शिक्षा की एक आकर्षक दुनिया मिलती है, जो उन्हें औपचारिक स्कूलिंग के लिए तैयार करती है। स्मार्ट एजुकेशनल किट्स की उपलब्धता सीखने की प्रक्रिया को और भी मजेदार और प्रभावी बना देती है, जिससे बच्चों की शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ती है।शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने के अलावा, ये केंद्र कुपोषण से लडऩे में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहाँ बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषक आहार प्रदान किया जाता है। साथ ही, नियमित स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण अभियान और सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम जैसी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ भी प्रदान की जाती हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, कौशल विकास कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है, जिससे उनकी क्षमताओं में वृद्धि होती है और आत्मनिर्भरता व आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा, क्रेडिट लिंकेज महिलाओं के लिए उद्यमिता के क्षेत्र में मार्ग प्रशस्त करते हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता और सामुदायिक उन्नति को बढ़ावा मिलता है।नंद घर के बारे में:-नंद घर, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की एक प्रमुख सामाजिक पहल है, जो देश में आँगनवाड़ी सिस्टम को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। पूरे भारत में 15 राज्यों में फैले 7000 नंद घर बदलाव और सतत विकास के प्रतीक हैं और ये अब तक 2.8 लाख बच्चों और 2.1 लाख महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला चुके हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्ल्यूसीडी) के सहयोग से स्थापित, नंद घर आधुनिक आँगनवाड़ीÓ हैं, जो बच्चों में कुपोषण को दूर करने, प्री-प्राइमरी शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण के जरिए सशक्त बनाने के लिए काम कर रही हैं। नंद घर का लक्ष्य देश भर में 13.7 लाख आँगनवाडिय़ों में 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन, वेदांता की सामुदायिक और सामाजिक पहलों का प्रमुख संगठन है। फाउंडेशन के मुख्य क्षेत्र स्वास्थ्य देखभाल, महिला और बाल विकास, पशु कल्याण परियोजनाएँ और खेल पहलें हैं। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन का उद्देश्य समुदायों को सशक्त बनाना, जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना और सतत और समावेशी विकास के जरिए राष्ट्र निर्माण को बढ़ावा देना है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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