जिला अस्पताल में नवजात शिशुओं की बदला-बदली से मचा हड़कंप

दुर्ग । दुर्ग के जिला अस्पताल में नवजात शिशुओं के अदला बदली करने का मामला सामने आया है। दोनों महिलाओं को लड़का ही हुआ है। फिलहाल मामले की जांच जारी है। एक परिवार ने दूसरे परिवार से संपर्क किया और यह बात बताई, लेकिन दूसरे परिवार ने बच्चा बदलने से यह कहते हुए मना कर दिया कि अब 8 दिनों में बच्चे से लगाव हो गया है। जिला अस्पताल दुर्ग में दो महिला साधना सिंह और शबाना कुरैशी प्रसूति वार्ड में भर्ती होती हैं। 23 जनवरी को दोनों को बेटा होता है। इस दौरान बच्चों के हाथों में टैग भी लगा हुआ था, लेकिन अचानक से शबाना को पता चलता है कि उनका बच्चा बदल गया है। परिवार को इस अदला-बदली की जानकारी 8 दिन बाद तब पता चली, जब अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जब ऑपरेशन के बाद खींची गई तस्वीरें देखने पर हड़कंप मच गया। इससे परिजनों के होश उड़ गए और एक परिवार ने दूसरे परिवार से संपर्क में जुड़े हुए है। वहीं साधना सिंह का परिवार बच्चा बदलने से इंकार कर रहा है। उनका कहना है कि अब 8 दिनों में बच्चे से लगाव हो गया है। साधना सिंह और उनके परिवार का कहना था कि बीते 8 दिनों में बच्चे से भावनात्मक लगाव हो चुका है, इसलिए वे बच्चे की वापसी के लिए तैयार नहीं इसलिए वे बच्चे की वापसी के लिए तैयार नहीं हैं। इस वजह से मामला उलझा रहा है। इधर शबाना कुरैशी का परिवार समाधान के लिए अस्पताल में चक्कर काट रहा है। खबर है कि गंभीर लापरवाही सामने आई जब साधना सिंह लिखा हुआ बच्चा शबाना कुरैशी के पास चला गया और शबाना कुरैशी लिखा हुआ बच्चा साधना सिंह के पास अभी है। शिशुओं की अदला बदली का मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है तो प्रसूति विभाग की विभागाध्यक्ष ने शबाना कुरैशी के परिवार को थाने में शिकायत दर्ज कराने का हवाला दिया है। अस्पताल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साधना सिंह और उनके परिवार को अस्पताल बुलाया। दोनों परिवारों और डॉक्टरों के बीच बातचीत भी हुई। लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया। वहीं साधना का परिवार बच्चा से लगाव होने का हवाला लगातार दे रहा है। 23 जनवरी को शबाना कुरैशी और साधना सिंह ने दोपहर क्रमश: 1:25 बजे और 1:32 बजे बेटों को जन्म दिया। जिला अस्पताल दुर्ग में नवजात शिशुओं की पहचान के लिए तुरंत हाथ में मां के नाम का टैग पहनाया जाता है। जिससे किसी तरह की अदला-बदली न हो। इसी प्रक्रिया के तहत दोनों नवजातों की जन्म के बाद अपनी-अपनी माताओं के साथ तस्वीरें भी खींची गई। इस गलती का खुलासा 8 दिनों के बाद तब हुआ जब शबाना कुरैशी के परिवार ने ऑपरेशन के तुरंत बाद ली गई तस्वीरों को देखा। तब परिवार ने ध्यान दिया कि उनके असली बच्चे के चेहरे पर तिल (काला निशान) नहीं था, जबकि जो बच्चा इस समय उनके पास है, उसके चेहरे पर तिल है। इसकी जानकारी मिलते ही शबाना कुरैशी के परिवार परेशान हो गया। तुरंत जिला अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई। दुर्ग जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. हेमंत साहू ने बताया कि, नवजात बच्चों की अदला बदली की जानकारी सामने आई है। पहले जांच की जाएगी। उसके बाद जरूरत पड़ी तो डीएनए कराया जाएगा। फिलहाल जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई होगी। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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