निकाय चुनाव में कम मतदान पर गरमाई सियासत : भूपेश बघेल ने सरकार को घेरा, कहा- परिसीमन की वजह से वोटिंग हुई कम, अरुण साव बोले- कहीं कोई गड़बड़ी नहीं

रायपुर । नगरीय निकाय चुनाव में मतदान के आंकड़े आ चुके हैं. निकायों में मतदान के प्रतिशत में काफी कमी नजर आई है. मतदान में कमी को लेकर सियासत शुरू हो चुकी है. उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जहां बड़े पैमाने पर मतदान होने की बात कही है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने परिसीमन को मतदान की कमी का कारण बताया है. मीडिया से चर्चा के दौरान आज भूपेश बघेल ने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण हुआ है, लेकिन मतदाताओं को बड़ी तकलीफ हुई. उनके वार्ड का परिसीमन इस प्रकार से किया गया कि एक ही परिवार के लोगों को अलग-अलग बूथ में जाकर मतदान करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि परिसीमन का कांग्रेस पार्टी ने विरोध किया था और कोर्ट में याचिकाएं भी लगाई गई थीं, लेकिन याचिकाओं का निराकरण नहीं हुआ, जिसका पूरा असर अब मतदान में नजर आ रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि कई जगह ईवीएम खराब हुए, लोगों को इंतजार करना पड़ा. ईवीएम खराबी के चलते भी मतदान कम होने की बात उन्होंने कही है. वहीं भूपेश बघेल के आरोप पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि परिसीमन में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है.केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी की प्रेस वार्ता पर उन्होंने पलटवार भी किया. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब बजट में किसी वर्ग के लिए कुछ है ही नहीं, तो किस बात का फीडबैक लेने जोशी जी छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि समय के साथ बजट की असलियत लोग जान गए और निराशा छा गई है. उन्होंने छत्तीसगढ़ में 13 लाख मनरेगा मजदूर के नाम जाने की बात कही और किसानों के एमएसपी की मांग पूरी नहीं करने की बात कही. उन्होंने बजट को उद्योगपति केंद्रित बताया, जो जनता के हिसाब से नहीं आ रहा है.उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अब निर्मला सीतारमण के हाथ में नहीं रही और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम से देश की आर्थव्यवस्था संचालित हो रही है. उन्होंने अमेरिका में स्टील पर टैक्स बढऩे से सेंसेक्स में गिरावट आने और उससे लोगों को करोड़ों नुकसान होने की बात कही. उन्होंने कहा कि कभी चीन तो कभी अमेरिका भारत को झुकाता है. पीएम मोदी और विदेश मंत्री घेरते हुए उन्होंने कहा कि सत्र में मंत्री जी ने अब तक जवाब नहीं दिया कि क्यों बेडिय़ों में भारतीयों को भेजा गया है. सरकार की स्थिति ये है कि ये कुछ नहीं कर पा रहे. छप्पन इंच का सीना अब सिकुड़ता जा रहा है और ये घुटने टेकते जा रहे हैं ।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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