विस्थापित लोगों के शिविर पर हमलों से संयुक्त राष्ट्र कार्यकर्त्ता चिंतित

संयुक्त राष्ट्र । संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यकर्ताओं ने कहा है कि पश्चिमी सूडान में विस्थापित लोगों के शिविर में और उसके आसपास लड़ाई बढऩे से सहायता कार्यकर्ता चिंतित हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने शुक्रवार को कहा कि पिछले सप्ताह उत्तरी दारफुर राज्य के एल फशेर के बाहर ज़मज़म विस्थापन शिविर पर हमले बढ़ गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ओसीएचए ने कहा कि उपग्रह से प्राप्त चित्रों से भारी हथियारों के प्रयोग तथा उत्तरी दारफुर की राजधानी एल फशेर के मुख्य बाजार क्षेत्र के विनाश का संकेत मिलता है। कार्यालय ने कहा, ज़मज़म में अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों ने बड़ी संख्या में नागरिकों के हताहत होने की सूचना दी है, जिनमें कथित तौर पर मारे गए लोगों में मानवीय कर्मचारी भी शामिल हैं। घायलों सहित नागरिकों को कथित तौर पर क्षेत्र से बाहर जाने से रोका जा रहा है। ओसीएचए ने कहा कि ज़मज़म में लाखों विस्थापित लोगों के रहने का अनुमान है। यह सूडान में अकाल की स्थिति वाले स्थानों में से एक है, जिससे शिविर के बाज़ार क्षेत्र के विनाश की रिपोर्ट विशेष रूप से चिंताजनक है। कार्यालय ने यह भी कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) अपने भागीदारों के साथ मिलकर ज़मज़म और उसके आस-पास के 300,000 विस्थापित लोगों को महत्वपूर्ण खाद्य और पोषण सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है। हिंसा के इस नवीनतम दौर ने परिवारों और जीवन-रक्षक कार्यों को और अधिक जोखिम में डाल दिया है। ओसीएचए ने कहा, संयुक्त राष्ट्र संघ मांग करता है कि संघर्ष में शामिल पक्ष अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें। नागरिकों और नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमले निषिद्ध हैं। सभी पक्षों को नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए कदम उठाने चाहिए, और जो लोग स्वेच्छा से क्षेत्र छोडऩा चाहते हैं, उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से ऐसा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के मुख्य प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि मानवीय मामलों के अवर महासचिव और आपातकालीन राहत समन्वयक टॉम फ्लेचर और शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी सूडान में युद्ध के पीडि़तों की सहायता के लिए अपील करेंगे।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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