गरियाबंद जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 01 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहीं मधुबाला रात्रे को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। पूर्व में महिला एवं बाल विकास सभापति के रूप में क्षेत्र की सेवा कर चुकीं मधुबाला रात्रे इस बार भी विकास और सेवा के वादे के साथ चुनावी मैदान में हैं। उनका चुनाव चिन्ह “छाता” है, और वे लगातार जनसंपर्क कर लोगों का आशीर्वाद प्राप्त कर रही हैं।
जनता में बढ़ रहा मधुबाला रात्रे का प्रभाव
मधुबाला रात्रे ने अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में कई विकास कार्य किए, जिससे ग्रामीण जनता के बीच उनकी लोकप्रियता बनी हुई है। गांवों में किए गए सड़क निर्माण, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण से जुड़े कार्यों की वजह से लोग उनके प्रति भरोसा जता रहे हैं। यही कारण है कि वे जब अपने समर्थकों के साथ डोर-टू-डोर जनसंपर्क कर रही हैं, तो लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और बुजुर्गों के बीच भी उनकी अच्छी पकड़ देखी जा रही है।विरोधी दलों के लिए बढ़ी चुनौती
इस बार के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के सामने मधुबाला रात्रे की मजबूत दावेदारी से मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। जनता में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इस बार भी मधुबाला रात्रे अपना पुराना इतिहास दोहराएंगी और बड़े दलों के प्रत्याशियों को पछाड़कर विजय हासिल करेंगी।
“छाता” चुनाव चिन्ह बना पहचान, समर्थकों में जोश
मधुबाला रात्रे के समर्थक गांव-गांव में जाकर “छाता” चुनाव चिन्ह के लिए प्रचार कर रहे हैं और लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे उन्हें अपना समर्थन दें। उनका कहना है कि मधुबाला रात्रे ने क्षेत्र के विकास के लिए जो कार्य किए हैं, वे किसी से छिपे नहीं हैं। इसलिए इस बार भी जनता का आशीर्वाद उन्हें मिलना तय माना जा रहा है।
क्या फिर दोहराएंगी इतिहास?
अब यह जनता को तय करना है कि वे एक बार फिर मधुबाला रात्रे को जनसेवा का मौका देती है या नहीं। लेकिन जिस तरह से लोगों का समर्थन उन्हें मिल रहा है, उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। आने वाले दिनों में चुनावी माहौल और भी गर्म होने की संभावना है।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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