राजधानी से जनता तक जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल
देवभोग – महापरीक्षा की तैयारी को लेकर आज बीआरसीसी प्रशिक्षण कक्ष देवभोग में समस्त ग्राम प्रभारियों की उपस्थिति में विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी देवनाथ बघेल की अध्यक्षता में हुई, जिसमें व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार, प्रातः रैली व संध्या को मशाल जुलूस व कोटवार के माध्यम से मुनादी करवाना। वालेंटियर शिक्षक से सहायता प्राप्त कर उल्लास प्रवेशिका किताब में अंकित किया गया 7 अध्याय तक शिक्षार्थियों को अध्ययन कराकर महापरीक्षा में शत् प्रतिशत बिठाया जाना। इस सभी जिम्मेदारियों को प्रशिक्षण में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।
उल्लास नवभारत कार्यक्रम का उद्देश्य
उल्लास नवभारत साक्षरता मिशन का उद्देश्य 15 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले उन सभी के लिए पढ़ने लिखने के अवसर उपलब्ध करवाना है जो किन्हीं कारणों से साक्षरता और संख्या ज्ञान अर्जित नहीं कर सकें।1 अप्रैल 2022 से भारत सरकार द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जिसमें प्रौढ़ शिक्षा के सभी पक्ष शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, व्यावसायिक कौशल, बुनियादी शिक्षा, और सतत् शिक्षा का विकास हैं।
उल्लास नवभारत साक्षरता मिशन का मुख्य लक्ष्य
छत्तीसगढ़ राज्य के 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की साक्षरता दर 70.28 प्रतिशत है। राज्य में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के पहली चरण में 10 लाख असाक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य दिया गया है।
प्रौढ़ शिक्षार्थियों को स्तर, क्षमता आवश्यकताओं और स्थानीय परिवेश अनुसार बदलाव
शिक्षार्थी अपने जीवन के अलग-अलग संदर्भ में अपनी भाषा या भाषाओं का मौखिक प्रयोग करते हैं। इन्हें केवल पढ़ने लिखने और संख्या ज्ञान सीखने कि आवश्यकता है। जिससे गुणवतापूर्ण एवं गरिमामय जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त हो सकें। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा उल्लास प्रवेशिका का निर्माण किया गया है। जिसमें भाषा और गणित दोनों को शामिल किया गया है।
विषय सामग्री के रूप में सात विषय ( थीम) तय किया गया
आमतौर पर हमारे आस-पास दिखाई देते हैं। विषय परिवार और पड़ोस, बातचीत,हमारा रहन-सहन, खान-पान और सेहत, मतदान, कानून जानकारी है। शिक्षार्थियों को पढ़ने लिखने और संख्या ज्ञान सीखने में मदद के लिए उल्लाल प्रवेशिका का निर्माण किया गया है। शिक्षार्थियों को पढ़ना लिखना सिखाने के महत्वपूर्ण कौशलें
बुनियादी साक्षरता
शिक्षार्थियों का शब्द भण्डार वृहद है, इसी लिए उन्हें पढ़ना लिखना सिखाने में मदद करनी होगी। भाषा को पूर्णरूपेण में बोलते और सीखते हैं,
बुनियादी संख्या ज्ञान
संख्या ज्ञान से शिक्षार्थियों को थोड़ा बहुत परिचित होंगे,अपने दैनिक जीवन में सुनते, देखते और करते होंगे। चाहे वह रूपए का लेन-देन हो,सामान खरीदना हो, सब्जी खरीदना,या बेचना,सामान गिनना हो, इस सभी कामों में संख्या ज्ञान की आवश्यकता पड़ती हैं।
23 मार्च को महापरीक्षा की तैयारी में व्यापक प्रचार- प्रसार
उल्लास नवभारत साक्षरता महापरीक्षा की तैयारी की विस्तृत जानकारी नयन कुमार प्रधान विकास खण्ड परियोजना अधिकारी ने बताया कि उल्लास नवभारत साक्षरता मिशन अंतर्गत 23 मार्च को होगी महापरीक्षा जिसमें जोर शोर से प्रचार प्रसार हेतु प्रातः रैली, संध्या को मशाल जुलूस, और उसी दरम्यान गांव के गल्ली बस्तियों में परीक्षा संबंधित ग्राम कोटवार द्वारा मुनादी करवाना। नवनिर्वाचित सरपंच व पंचों से शिक्षार्थियों को अध्ययन में सहयोग प्रदान करना। आज के इस प्रशिक्षणसह बैठक में प्रमुख रूप से विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी देवनाथ बघेल, उल्लास नवभारत साक्षरता मिशन अंतर्गत विकास खण्ड परियोजना अधिकारी नयन कुमार प्रधान व समस्त ग्राम प्रभारी उपस्थित थे।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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