अम्बिकापुर में पत्रकारों के खिलाफ पुलिस की बदसलूकी के मामले में अब तक नहीं हुई कोई कार्यवाही
सूरजपुर के पत्रकारों ने दिखाई एकता आईजी सरगुजा के नाम सूरजपुर पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन
सूरजपुर पुलिस अधीक्षक ने तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा को सूचना देने का दिया आश्वाशन
जाहिद अंसारी संवाददाता
सूरजपुर अम्बिकापुर में पत्रकारों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार और धमकी देने का मामला सामने आया है जहां कोतवाली थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक शत्रुघ्न सिंह और आरक्षक विवेक कुमार राय पर पत्रकारों से गाली-गलौज और धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले को लेकर सूरजपुर जिले में भी पत्रकारों में आक्रोश फैला हुआ है जहा सूरजपुर जिले के पत्रकार भी पत्रकार एकता का परिचय देते हुए सूरजपुर पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर को सरगुजा पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंप दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।मामला 19 मार्च की रात का है, जब प्रधान आरक्षक शत्रुघ्न सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार पारसनाथ सिंह को कॉल कर धमकी दी कि वह BSTV के पत्रकार सुमित सिंह के खिलाफ केस बनाएगा और उसे जल्दी निपटा देगा पत्रकारों का आरोप है कि कॉल के दौरान प्रधान आरक्षक शराब के नशे में था और उसने पत्रकार सुमित सिंह के खिलाफ अशोभनीय भाषा और गालियों का इस्तेमाल किया वही होली की शाम को कोतवाली थाने में पदस्थ आरक्षक विवेक कुमार राय ने भी पत्रकार पारसनाथ सिंह के साथ गाली-गलौज की और पत्रकार समाज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं।हुई दुर्व्यवहार को लेकर संबंधित पत्रकारों ने इस घटना के खिलाफ सरगुजा पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा, लेकिन अब तक दोषी पुलिसकर्मियों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे पत्रकार समाज में गहरी नाराजगी और असुरक्षा का माहौल है।इस मामले को लेकर सूरजपुर जिले के पत्रकार भी साथी पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर एकता का परिचय देते हुए सूरजपुर पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर को सरगुजा पुलिस महानिरीक्षक के नाम ज्ञापन सौंप कर दुर्व्यवहार में शामिल पुलिस पर कार्यवाही करने की मांग को लेकर चर्चा किया।अंबिकापुर में पत्रकारों के साथ हुई दुर्व्यवहार को लेकर सूरजपुर पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों की मांग पर तत्काल प्रभाव से संज्ञान में लेते हुए पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा को तलब करने की बात कही।इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर पुलिसकर्मियों द्वारा पत्रकारों को धमकाने और गाली-गलौज करने जैसी घटनाओं पर सख्त कार्यवाही नहीं की गई, तो यह लोकतंत्र और प्रेस की आज़ादी के लिए खतरा बन सकता है।अब देखना यह होगा कि प्रशासन दोषी पुलिसकर्मियों पर क्या कार्यवाही करता है या फिर पत्रकारों को न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।ज्ञापन सौंपने के दौरान मुख्य रूप से मोहन प्रताप सिंह, नितेश गुप्ता, कमलजीत सिंह, इमाम हसन (पानू), सूरज साहू, सुल्तान खान, मिथलेश ठाकुर, राजेंद्र पासवान, भूषण बघेल, सोनू चौधरी सहित अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित रहें।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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