200 वर्ष पुरानी तेन्दू का वृक्ष एक ऐतिहासिक कई पीढ़ियों से जीवित महत्वपूर्ण घटनाओं और परिवर्तनों का साक्षी

जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल ( गरियाबंद)/ राजधानी से जनता तक 

गरियाबंद -आज ग्राम मोटरापारा के माता ठाकुरानी मंदिर के समीप स्थित यह वृक्ष दो सौ वर्ष पुराना तेंदू वृक्ष का ऐतिहासिक रहस्य सबके सामने सुनाई ग्राम के पुजारी कैलाश ध्रुवा के साथ में अन्य सभी ग्रामीण वरिष्ठ बुजुर्गो भी यह बताये कि, यह दो सौ वर्ष पुराना तेंदू का वृक्ष एक अद्वितीय और ऐतिहासिक वृक्ष है, जो अपनी विशाल आयु और महत्व के कारण प्रसिद्ध है। यह वृक्ष न केवल एक प्राकृतिक सौंदर्य है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखता है।आपको बता दें कि यह दो सौ वर्ष पुराना तेंदू का वृक्ष एक विशाल और मजबूत वृक्ष है, जिसकी ऊंचाई लगभग 150–160 फीट है यह पेड़ की छाल गहरे भूरे रंग की है जो इसकी आयु और अनुभव को दर्शाती हैं इसकी आयु और परिस्थितियों के अनुसार बदल गई है।दो सौ वर्ष पुराना तेंदू का वृक्ष एक ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यह कई पीढ़ियों से खड़ा है यह वृक्ष कई महत्वपूर्ण घटनाओं और परिवर्तनों का साक्षी रहा है,जो इसकी आयु और अनुभव को दर्शाता है।दो सौ वर्ष पुराना तेंदू का वृक्ष एक सांस्कृतिक महत्व भी रखता है, क्योंकि यह कई स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों से जुड़ा हुआ है। यह वृक्ष कई त्योहारों और उत्सवों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो इसकी सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता।

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Author: Rajdhani Se Janta Tak

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