सावधान! फर्जी अफसर ने ग्रामीणों से ठगे लाखों रुपये – ओडगी।

पीएम आवास और पशुधन योजना का नाम लेकर की धोखाधड़ी।

पीएम आवास और पशुधन योजना के नाम पर की ठगी, विभाग बोले – हमारा कोई अधिकारी नहीं।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत ओडगी के सूझ बुझ के फर्जी अफसर ग्रामीणों की गिरफ्त में।

मोहन प्रताप सिंह

राजधानी से जनता तक. सूरजपुर/ओडगी:– स्मार्टनेस के नाम पर चतुराई – ग्राम पंचायत मोहरसोप में एक फर्जी अधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना और पशुधन विभाग के नाम पर ग्रामीणों से लाखों रुपये की ठगी की। एक शातिर धोखेबाज ने खुद को श्रम विभाग का अधिकारी बताकर ग्रामीणों से रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर ₹1,07,000 की मोटी रकम ऐंठ ली। यह मामला सनसनीखेज़ तरीके से सामने आया है, जिससे न केवल प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा हो गया है कि ग्रामीणों की जिज्ञासा और जानकारी की कमी का फायदा किस तरह उठाया जा रहा है।

क्या हुआ था?

29 अप्रैल 2025 को, एक संदिग्ध व्यक्ति – सुमित कुमार, जो टेगनी गिरजापुर, जिला कोरिया का निवासी था – मोहरसोप ग्राम पंचायत भवन में दाखिल हुआ और खुद को श्रम विभाग का अधिकारी बताते हुए ग्रामीणों से मुलाकात की। उसके पास एक कार थी, जिस पर सरकारी नंबर CG 16 CS 0226 अंकित था, जो आमतौर पर सरकारी अधिकारियों के वाहनों में पाया जाता है।

इस व्यक्ति ने ग्रामीणों को यह विश्वास दिलाया कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना और पशुधन विभाग से जुड़ी योजनाओं का प्रतिनिधि है और उन्हें ₹1,00,000 और ₹1,60,000 की सब्सिडी दिलवाने का दावा किया। इतना ही नहीं, उसने यह भी बताया कि वह जिला स्तर से अधिकृत है और पंचायत के सरपंच तथा पंचों को अपने साथ लेकर इस योजना का प्रचार गांव में करवा दिया। देखते ही देखते, पंचायत भवन में भारी भीड़ जुट गई और उसने ग्रामीणों से ₹500 से ₹1,000 तक का रजिस्ट्रेशन शुल्क वसूल किया। कुल मिलाकर, 107 फार्म भरवाए गए और करीब ₹1,07,000 की रकम ठग ली गई।

सच्चाई का खुलासा कैसे हुआ?

जब कुछ जागरूक ग्रामीणों ने इस योजना की सच्चाई जानने के लिए जिला श्रम अधिकारी रमेश साहू और पशुधन विभाग के डॉ. जी.के. से संपर्क किया, तो उन्होंने साफ तौर पर यह कहा कि न तो ऐसी कोई योजना स्वीकृत है, न ही कोई अधिकारी इस काम के लिए भेजा गया था। इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया।

ग्रामीणों ने तुरंत प्रेमलाल विश्वकर्मा (सरपंच प्रतिनिधि) और रोजगार सहायक वृजेश यादव को सूचित किया, जिन्होंने तत्काल पंचायत भवन पहुंचकर आरोपी से कड़ी पूछताछ की। जैसे ही आरोपी घबराया और भागने का प्रयास करने लगा, ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और मोहरसोप पुलिस चौकी को सूचना दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया।

प्रशासन पर सवाल

यह घटना प्रशासन की लापरवाही और योजनाओं के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता की कमी का प्रतीक है। प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं की सही जानकारी पहुंचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन को इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

ग्रामीणों की मांग

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही यह भी अनुरोध किया है कि उनकी मेहनत की कमाई जो ठगी के जरिए ऐंठी गई है, वह वापस दिलाई जाए। इस घटना में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि यह संभव है कि उनका भी इस धोखाधड़ी में कहीं न कहीं हाथ हो। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए।

पुलिस का बयान

पुलिस ने प्रारंभिक शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच पूरी तरह से निष्पक्ष तरीके से की जाएगी और ठोस कार्रवाई की जाएगी।

संकेत और चेतावनी

यह घटना एक बड़ा संकेत है कि ग्रामीण इलाकों में योजनाओं की सही जानकारी की कमी का फायदा किस प्रकार ठग और धोखेबाज उठाते हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे मामलों को गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द ग्रामीणों तक सही जानकारी पहुँचाने के लिए एक ठोस कदम उठाए।

इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि जब तक ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं और अधिकारियों की वास्तविक जानकारी नहीं पहुंचाई जाती, तब तक ऐसे धोखाधड़ी के मामले बढ़ते रहेंगे।

यह भी पढ़ें

[democracy id="1"]
April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  

टॉप स्टोरीज

error: Content is protected !!