राजधानी से जनता तक कोरबा।आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल में बंद रहे मीसाबंदी हेतराम कर्ष (75 वर्ष) को गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वे बालको क्षेत्र के भदरापारा निवासी थे और बीते दो सप्ताह से अस्वस्थ चल रहे थे। गुरुवार की सुबह बालको के विभागीय अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
हेतराम कर्ष के निधन की सूचना मिलते ही प्रशासन द्वारा उन्हें राजकीय सम्मान प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की गई। कार्यपालिक दंडाधिकारी की निगरानी में सशस्त्र बल के जवानों ने उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेट कर अंतिम यात्रा के लिए रवाना किया।
आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत गिरफ्तार किये गए हेतराम कर्ष को भाजपा सरकार द्वारा लोकतंत्र सेनानी का दर्जा दिया गया था। वे 18 महीनों तक जेल में निरुद्ध रहे। वर्तमान में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार द्वारा लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन एवं सम्मान प्रदान किया जा रहा है।
हेतराम कर्ष के अंतिम संस्कार के दौरान तहसीलदार भूषण सिंह मंडावी, पुलिस लाइन के आरआई अनथ राम पैंकरा और बालको थाना प्रभारी टीआई अभिनव कांत सिंह मौके पर उपस्थित रहे। उन्होंने सशस्त्र बल की टुकड़ी के साथ राजकीय सम्मान के अंतर्गत तिरंगा अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इसके पश्चात भदरापारा स्थित उनके निवास से अंतिम यात्रा निकाली गई और सेक्टर-5 स्थित मुक्तिधाम में गमगीन माहौल में उनके पुत्र मदन कर्ष ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, समाजजन और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।
स्व. हेतराम कर्ष अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं, जिनमें पुत्र, पुत्रवधू, बेटी-दामाद, नाती-पोते शामिल हैं। लोकतंत्र के लिए उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।

Author: Sangam Dubey
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