भावी राष्ट्रनिर्माताओं ने सीखा जीवन जीने की कला

राजधानी से जनता तक संवाददाता -चरण सिंह क्षेत्रपाल
गरियाबंद- पतंजलि योग समिति परिवार गरियाबंद जिले के घर घर तक, हर जन तक योग को पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। स्कूल, कॉलेज, एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड, रेडक्रॉस आदि। इसी कड़ी में गुरुकुल महाविद्यालय गरियाबंद द्वारा बीएड के प्रशिक्षार्थी छात्र अध्यापकों को स्वस्थ रहने की कला सिखाने हेतु महाविद्यालय परिसर में शिविर आयोजित किया गया था। एससीईआरटी के राज्य स्तरीय योग प्रशिक्षक शंकर लाल यदु, पतंजलि योग समिति जिलाध्यक्ष योगविद् अर्जुन धनंजय सिन्हा द्वारा योगाभ्यास कराया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंधक धर्मेन्द्र ओझा ने कहा कि योग एक वैज्ञानिक विद्या है जिसके नियमित अभ्यास से निरोगी काया मिलती है। योग, आत्मसंयम एवं चिरस्थाई स्वस्थ रहने हेतु आवश्यक है। बीएड के विद्यार्थियो को एक अच्छा शिक्षक बनने हेतु सर्वप्रथम स्वस्थ रहने की कला सीखनी होगी। योग के सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक जानकारी हेतु गरियाबंद जिले के योगरत्न अर्जुन धनंजय सिन्हा एवं शंकर लाल यदु से निवेदन किया गया। योगाचार्यों द्वारा सुंदर ढंग से योग, आयुर्वेद, यज्ञ, हवन, सुव्यवस्थित दिनचर्या का पाठ सिखाया गया। योग सतत की जाने वाली क्रिया है। प्रत्येक छात्र छात्राएं नियमित योग करें। मनोरंजक तरीके से सरलता के साथ योग जैसे महत्वपूर्ण विषय को बच्चों तक पहुंचाने हेतु महाविद्यालय परिवार द्वारा धन्यवाद् ज्ञापन किया गया। शिविर में शंकर लाल यदु ने अष्टांग योग की बारीकियों से अवगत कराया। यौगिक जॉगिंग, जुम्बा, एरोबिक्स, स्थूल और सूक्ष्म व्यायाम का अभ्यास कराया गया। योगाचार्य शंकर लाल यदु ने योगाभ्यास कराते हुए कहा कि ग्रीष्मकाल में शरीर को विशेष देखरेख की आवश्यकता होती है। पानी की कमी, तेज धूप से बचाव हेतु शीतली, शितकारी प्राणायाम लाभकारी है। छत्तीसगढ़ योग आयोग के राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर योगविद् अर्जुन धनंजय सिन्हा ने योग, यज्ञ की महत्ता समझाते हुए कहा कि अपने व्यस्त समय में से थोड़ा सा समय निकालकर प्राणायाम करने से तनावमुक्त रह सकते हैं। परीक्षा के समय में रोजाना सुबह उठकर हवादार जगह में आसन बिछाकर सुखासन, पद्मासन या सिद्धासन में बैठ जाएं और प्राणायाम करें। कपालभाति को तीन से पांच मिनट तक अवश्य करें जिससे हाजमा दुरुस्त होगा और पेट ठीक रहेगा। मंत्रों के साथ सूर्य नमस्कार कराते हुए कहा कि सूर्य नमस्कार से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है। यह शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रखेगा, बीमारियों से भी बचाएगा। भावी राष्ट्रनिर्माताओं को षट्कर्म, शरीर शुद्धिकरण सिखाया गया। शिविर में प्रोफेसर लोकेश मार्कण्डेय, राहुल साहू, कल्पना ध्रुव, टोनी सिन्हा सहित बड़ी संख्या में छात्राध्यापकों ने आनंद के साथ योगाभ्यास का लाभ उठाया।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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