थनेश्वर बंजारे /राजधानी से जनता तक

गरियाबंद। जिले में शिक्षा विभाग द्वारा संचालित “युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया” अब शिक्षकों की पदस्थापना से अधिक, भ्रष्टाचार और मनमानी का प्रतीक बन गई है। आरोप है कि पूरे जिले में तीन विकासखंडों के शिक्षा अधिकारियों – छुरा बीईओ किशनलाल मतावले, मैनपुर बीईओ महेश राम पटेल, और फिंगेश्वर बीईओ रामेंद्र जोशी ने जानबूझकर अतिशेष शिक्षकों की गलत सूची बनाकर अपने-अपने चहेते शिक्षकों को लाभ पहुंचाया।
तीन दोषी, सजा सिर्फ एक को!
छुरा बीईओ के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव कलेक्टर द्वारा भेजा गया है, लेकिन मैनपुर और फिंगेश्वर बीईओ के विरुद्ध अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सवाल यह है कि समान अपराध में भेदभावपूर्ण कार्रवाई क्यों? क्या यह शिक्षा विभाग के भीतर किसी बड़े संरक्षण तंत्र की ओर इशारा नहीं करता?
🔍 मैनपुर में दोहरा खेल – स्कूल को दो बार रिक्त दिखाकर भ्रम फैलाया गया
बीईओ महेश पटेल द्वारा प्राथमिक शाला गोढयारी को काउंसलिंग सूची में दो बार रिक्त दर्शाया गया। इसके चलते छुरा के दो सहायक शिक्षक इस स्कूल का चयन कर वहां पहुंच गए, लेकिन मौके पर दो शिक्षक पहले से पदस्थ थे। एक ने जॉइनिंग कर ली और दूसरे ने DEO कार्यालय को जानकारी दी। इसके बाद आनन-फानन में गजेश्वर साहू की पोस्टिंग संशोधित कर छुरा भेज दी गई। इस पूरी कार्रवाई में बीईओ को बचाने का प्रयास साफ नजर आता है।
⚠️ फिंगेश्वर में RMSA हाई स्कूलों के सेटअप से की गई छेड़छाड़
फिंगेश्वर में RMSA के तहत स्वीकृत 6 व्याख्याता पदों के बावजूद वहां से एक-एक व्याख्याताओं को ग़लत तरीके से अतिशेष घोषित कर हटाया गया।
इसी तरह बालक पूर्व माध्यमिक शाला, राजिम में 110 छात्रों के बावजूद केवल एक शिक्षक को अतिशेष घोषित किया गया, जबकि नियमानुसार दो अतिशेष शिक्षकों की जरूरत थी।
❗ कलेक्टर को गुमराह कर जारी करवाए गए आदेश
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टर भगवान सिंह उइके जैसे ईमानदार और सीधे-साधे अफसर को गुमराह कर, उनके नाम पर चहेते शिक्षकों के पक्ष में आदेश पारित करवा लिए।
DEO कार्यालय द्वारा जारी आदेशों पर कलेक्टर की जानकारी नहीं थी, जिससे यह साबित होता है कि विभागीय साजिश के तहत उच्चाधिकारियों को अंधेरे में रखा गया।
📣 शिक्षक संघों का फूटा आक्रोश – जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन संभव
टीचर एसोसिएशन, संयुक्त शिक्षक संघ, सहायक शिक्षक फेडरेशन और अजाक्स संगठन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि यदि तीनों दोषियों पर समान कार्रवाई नहीं हुई तो शिक्षकों का धरना, स्कूल बंद और जिला शिक्षा कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
प्रमुख पदाधिकारी जो प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे:
पूरनलाल साहू,रामनारायण मिश्रा,हुलस साहू,रेखुराम साहू,बीरेंद्र कुमार ध्रुव,लता ध्रुव,भागचंद चतुर्वेदी,संतोष साहू,टकेश्वर यादव,नरेंद्र देवांगन सहित अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं।
अब मांगें ये हैं:
1. तीनों बीईओ पर तत्काल समान निलंबन।
2. जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका की स्वतंत्र जांच (RTI या न्यायिक जांच)।
3. युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने हेतु ऑनलाइन काउंसलिंग व्यवस्था।
4. जिन शिक्षकों को गलत तरीके से अतिशेष दिखाया गया – उन्हें तुरंत बहाल किया जाए।
समाप्ति नहीं शुरुआत है यह – गरियाबंद के शिक्षकों की आवाज अब दबेगी नहीं। न्याय के लिए लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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