बदहाल फिंगेश्वर-कुंडेल मार्ग बना मौत का रास्ता, प्रशासन की अनदेखी से बढ़ा जन आक्रोश

थनेश्वर बंजारे /राजधानी से जनता तक

समाचार माध्यमों और ग्रामीणों की लगातार चेतावनी के बावजूद अब तक नहीं हुई कोई ठोस पहल

हादसे के बाद फिर उठे सवाल: कब जागेगा जिम्मेदार तंत्र?

गरियाबंद /फिंगेश्वर-:फिंगेश्वर से कुंडेल तक का मुख्य मार्ग आज लोगों के लिए सुविधा नहीं, बल्कि जान का खतरा बन चुका है। लंबे समय से बदहाल पड़ी इस सड़क की मरम्मत को लेकर शासन-प्रशासन से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन परिणाम शून्य रहा। संकरी, उबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरी यह सड़क आज ‘मौत का रास्ता’ बन चुकी है। सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब इसी मार्ग से प्रतिदिन धान से भरे भारी वाहन गुजरते हैं, जो इस खराब सड़क को और अधिक खतरनाक बना देते हैं।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि फिंगेश्वर-कुंडेल मार्ग पर चलना अब जोखिम उठाने जैसा हो गया है। धान खरीदी केंद्र एवं कुंडेल धान संग्रहण खुलते ही मेटाडोर और ट्रकों की आवाजाही बढ़ जाती है। ऐसे में दोपहिया और पैदल चलने वालों के लिए जान जोखिम में डालकर ही रास्ता पार करना पड़ता है।

समाचार माध्यमों ने कई बार चेताया

इस मार्ग की जर्जर हालत को लेकर स्थानीय पत्रकारों द्वारा कई बार समाचार प्रकाशित किए गए। हर बार उम्मीद की गई कि अब शायद विभाग जागेगा, लेकिन प्रशासन ने अब तक इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई है। आम जनता और मीडिया के बार-बार ध्यान आकर्षित करने के बावजूद विभागीय अफसरों ने न तो निरीक्षण करना उचित समझा, और न ही सुधार कार्य के लिए कोई ठोस पहल की।

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क की मरम्मत के लिए हर वर्ष लाखों रुपये स्वीकृत किए जाते हैं, लेकिन सारा कार्य सिर्फ कागजों पर ही पूरा कर लिया जाता है। ठेकेदार और संबंधित विभाग की मिलीभगत से गुणवत्ताहीन कार्य होते हैं, जिनका लाभ आम जनता को कभी नहीं मिल पाता।

जनमन योजना में भी गुणवत्ताहीन निर्माण

फिंगेश्वर ब्लॉक में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत जिन सड़कों का निर्माण हुआ है, वहां भी भारी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। करोड़ों की लागत से बनी इन सड़कों में गुणवत्ता को लेकर कई सवाल उठ रहे है. ग्रामीणों ने शिकायत की है कि निर्माण में गुणवत्ता का घोर अभाव रहा है, जिससे सड़कों की हालत तेजी से बिगड़ रही है। इस विषय को लेकर ग्रामीणों में गहरा रोष है और वे जल्द ही विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं।

एक और हादसा, एक और सवाल

इसी मार्ग पर शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया। बाबा कूपी के पास फिंगेश्वर से कुंडेल धान संग्रहण केंद्र की ओर जा रहा एक मेटाडोर तेज रफ्तार में अनियंत्रित होकर पलट गया। सड़क की खराब हालत के चलते वाहन स्टीयरिंग सहित पलट गया, जिसमें ड्राइवर बुरी तरह फंस गया। पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों को जेसीबी की मदद से ड्राइवर को बाहर निकालने में लगभग एक घंटे का समय लग गया। वाहन में सवार दोनों लोगों को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया है।

क्या कहते है स्थानीय लोग

स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सड़क की मरम्मत की जाती, तो यह हादसा टाला जा सकता था। लेकिन अब भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

प्रशासन की चुप्पी – जनता में नाराजगी

फिंगेश्वर-कुंडेल मार्ग की बदहाली पर जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत के बावजूद, न तो कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा, न ही कोई विभागीय समीक्षा हुई। जनता का कहना है कि यह लापरवाही अब असहनीय हो चुकी है। यदि अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो आने वाले समय में यह मामला बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।

अब सवाल यही है कि क्या एक और हादसे के बाद भी जिम्मेदार तंत्र आंखें मूंदे रहेगा?

या फिर अब जनता को सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद करनी होगी?

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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