थनेश्वर बंजारे /राजधानी से जनता तक

गरियाबंद-:जिले में उर्वरक की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने के लिए कलेक्टर बी.एस. उईके के निर्देश पर कृषि विभाग ने सख्त रवैया अपनाया है। इसी क्रम में उपसंचालक कृषि चंदन कुमार रॉय के नेतृत्व में जिला स्तरीय निरीक्षण दल का गठन किया गया, जिसने 18 जून को मैनपुर और देवभोग विकासखंड के विभिन्न उर्वरक विक्रय केंद्रों पर औचक छापेमारी की।
इस दौरान अमलीपदर स्थित कैलाश कृषि केन्द्र एवं आद्या कृषि केन्द्र सहित 5 दुकानों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। दुकानों में मूल्य सूची नहीं प्रदर्शित करना, बिना पीओएस मशीन के उर्वरक बेचना, निर्धारित प्रपत्र में बिल न देना और अभिलेखों का रखरखाव न करना शामिल है। इन दुकानों पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत विक्रय प्रतिबंध की कार्यवाही करते हुए नोटिस जारी किया गया है, और 3 दिनों के भीतर जवाब तलब किया गया है।
कृषि विभाग लगातार जिले में बीज, उर्वरक और कीटनाशक विक्रेताओं की जांच कर रहा है ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण सामग्री उचित दर पर उपलब्ध हो सके। वर्तमान में सहकारी समितियों में 17,500 क्विंटल धान बीज और 19,299 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों का भंडारण किया गया है, जिसमें से अधिकांश का वितरण भी हो चुका है।
विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत विक्रेताओं से ही बीज और उर्वरक खरीदें, पक्का बिल अवश्य लें और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना तुरंत कृषि विभाग को दें। साथ ही, किसानों को बीज उत्पादन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि जिला बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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