गरियाबंद-:गरियाबंद में लंबे समय से चर्चित बहनजी हेल्थ केयर लिमिटेड की कहानी अब इतिहास बन गई है। स्वास्थ्य विभाग ने गरियाबंद में वर्षों से चले आ रहे कथित ‘बहनशाही युग’ पर विराम लगाते हुए सीएमएचओ डॉ. गार्गी यादव का तबादला धमतरी कर दिया है, जबकि उनकी बहन सृष्टि यादव पहले ही रायपुर जा चुकी थीं।

शाखा बंद, नया अध्याय शुरू स्वास्थ्य अमले में गार्गी यादव और उनकी बहन सृष्टि यादव की जोड़ी को लेकर कई तरह की चर्चाएं और नाराजगी लंबे समय से थी। डॉ. गार्गी पर पद के दुरुपयोग, दबाव बनाने और तानाशाही के आरोप लगे तो सृष्टि यादव पर स्टाफ को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप खुले मंचों पर सामने आए।
एक वरिष्ठ स्वास्थ्यकर्मी ने चुटकी लेते हुए कहा,
> “यहां बीमारी से ज़्यादा डर बहनों के फोन कॉल का था। अब कम से कम स्टेथेस्कोप की जगह सांसें तो चलेंगी।”
स्वास्थ्य विभाग की नई प्लानिंग: दो नए चेहरे, एक नई शुरुआत डॉ. गार्गी यादव के स्थान पर अब गरियाबंद को नया सीएमएचओ मिला है – डॉ. यू.एस. नवरत्ने। वहीं, सिविल सर्जन पद के लिए बेमेतरा से डॉ. वाय.के. ध्रुव की नियुक्ति की गई है। भले ही पुराने प्रभारी को हटाया नहीं गया हो, लेकिन ध्रुव की सीधी एंट्री ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अब विभाग किसी भी हाल में गरियाबंद को ICU से जनरल वार्ड में लाने के मूड में है।
शिकायतों की चिंगारी बनी बदलाव की वजह स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बिनकर द्वारा वेतन गड़बड़ी, प्रशासनिक मनमानी और अधिकारियों के एकाधिकार को लेकर की गई शिकायतें ही इस ट्रांसफर ड्रामा की अहम वजह मानी जा रही हैं। शिकायत की गूंज हुई नहीं कि ट्रांसफर आदेश निकल पड़े – बिल्कुल सिस्टम के उसी तेज रफ्तार अंदाज़ में।
अब सवाल ये है: क्या डॉ. नवरत्ने और डॉ. ध्रुव की ये नई जोड़ी गरियाबंद के बिगड़े स्वास्थ्य सिस्टम में भरोसे की नई सांस भर पाएगी, या फिर ये भी अगले फेरबदल में शामिल हो जाएंगे?

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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