शिक्षा और सुविधा, दोनों का संतुलन जरूरी – कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव

 कलेक्टर ने स्कूलों में छात्रों से संवाद कर परखी शिक्षा की बुनियाद

*- दुब्बाटोटा और केरलापाल में अनियमितता मिलने पर कारण बताओ नोटिस, वेतन वृद्धि पर रोक*

*शिक्षिका, अधीक्षिका और प्रधान अध्यापिका पर कार्रवाई, प्राचार्य और अधीक्षक को भी कारण बताओ नोटिस*

नवीन दांदडें जिला प्रमुख –

सुकमा, 03 जुलाई 2025/कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव ने जिले के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, आश्रमों और छात्रावासों का गुरुवार को निरीक्षण किया। यह निरीक्षण रामाराम, गिरदालपारा, केरलापाल, मिसमा और दुब्बाटोटा क्षेत्रों में संचालित विद्यालयों और बालक आश्रमों में किया गया, इस दौरान उन्होंने स्कूलों में बच्चों से सीधे संवाद कर उनकी शैक्षणिक प्रगति को परखा साथ ही छात्रावासों में रहने वाले बच्चों की सुविधा, भोजन, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्थाओं की जायजा लिया।

*दुब्बाटोटा में अनियमितता मिलने पर कारण बताओ नोटिस, वेतन वृद्धि पर रोक*

बालक आश्रम दुब्बाटोटा में निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री ध्रुव ने बच्चों की उपस्थिति में कमी, शिक्षिका की अनुपस्थिति तथा कक्षाओं के संचालन में लापरवाही पाई गई। इस पर उन्होंने तत्काल शिक्षिका देवनाशिका कुजूर, अधीक्षिका सुशीला कवासी और प्रधान अध्यापिका दीपा मंडावी को शोकॉज नोटिस जारी करने तथा एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए। साथ ही आरएमएसए पोटाकेबिन केरलापाल में भी शिक्षा और संचालन व्यवस्था में लापरवाही पाई गई। कलेक्टर ने अधीक्षक दिनेशपाल और प्राचार्य भरत प्रसाद साहू को शोकॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

*रामाराम और गिरदालपारा आश्रमों में बच्चों की पढ़ाई देख हुए खुश*

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री ध्रुव ने कक्षों में पहुंचे और बच्चों से गणित, हिंदी, अंग्रेजी जैसे विषयों से संबंधित मौखिक और लिखित प्रश्न पूछे। उन्होंने बच्चों से पहाड़े, शब्दों की वर्तनी, संख्याओं का ज्ञान, वाक्य रचना और सरल गणना करवाई और उनकी पढ़ाई का स्तर जांचा। बच्चों की शैक्षणिक जानकारी और उत्तर सुनकर उन्होंने खुशी जाहिर की। उन्होंने शिक्षकों एवं अधीक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार की सकारात्मक शैक्षणिक गतिविधियाँ अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणा बनें।

*स्वस्थ, सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण देना हमारी प्राथमिकता*

कलेक्टर श्री ध्रुव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और बच्चों की सुविधा दोनों पर एकसाथ कार्य करना होगा। उन्होंने कहा बच्चों की बुनियादी समझ का मजबूत होना बेहद आवश्यक है। शिक्षकों को चाहिए कि वे नियमित अभ्यास कराएं और कमजोर विद्यार्थियों को विशेष सहयोग दें। शिक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे प्रत्येक बच्चे की सीखने की क्षमता के अनुसार शिक्षण पद्धति अपनाएं और दैनिक मूल्यांकन करें। कलेक्टर का निर्देश छात्रावासों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बच्चों को स्वस्थ, सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण देना हमारी प्राथमिकता है। कलेक्टर श्री ध्रुव ने समस्त अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों और जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से आश्रम, छात्रावास और शैक्षणिक संस्थाओं का निरीक्षण करें तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, पोषणयुक्त भोजन और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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