छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि व्याख्याताओं, ग्रंथपालों और प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति को लेकर गंभीर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। शिक्षा सत्र 2025-26 के लिए जुलाई माह से कक्षाएं प्रारंभ हो चुकी हैं, परंतु एक माह के ब्रेक के बाद भी अब तक नई नियुक्तियां नहीं की गई हैं।

प्राचार्यों द्वारा अलग-अलग तरीके से आमंत्रण पत्र जारी किए जा रहे हैं, जिससे राज्य भर में न तो समान प्रक्रिया बन पा रही है और न ही पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है। अतिथि शिक्षकों को कार्य के अनुसार मानदेय न मिलना, आकस्मिक और पारिवारिक अवकाश की सुविधा न होना, तथा नियुक्ति में एकरूपता का अभाव – यह सभी मुद्दे शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
इसके साथ ही रिक्त पदों की जानकारी किसी पोर्टल पर सार्वजनिक न होने से योग्य आवेदकों को अवसर नहीं मिल पा रहा है। शिक्षकों और शिक्षा प्रेमियों ने अतिथि व्याख्याता नीति 2024 में संशोधन की मांग करते हुए सरकार से जल्द उचित निर्देश जारी करने की अपील की है।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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