आंदोलन का असर: स्कूल से सालों से नदारद शिक्षिका को मूल पद पर लौटाया गया, शिक्षा विभाग की नींद टूटी

जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ ब्लॉक अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला मेउ में वर्षों से लंबित एक गंभीर शैक्षणिक लापरवाही पर आखिरकार प्रशासन को कदम उठाना पड़ा। गांव के पालकों और ग्रामीणों ने स्कूल में ताला जड़कर जबरदस्त विरोध दर्ज कराया, जिसके बाद शिक्षा विभाग और आदिवासी विकास विभाग ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए लंबे समय से अनुपस्थित चल रहीं शिक्षिका रामसिला कश्यप को उनके मूल विद्यालय में पदस्थ कर दिया है।

रामसिला कश्यप वर्ष 2015 से गणित शिक्षिका के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला मेउ में नियुक्त हैं, लेकिन 9 वर्षों से वे स्कूल नहीं पहुंचीं। इस दौरान वे अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास पामगढ़ में अधीक्षिका के रूप में कार्यरत थीं। छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही थी, जिससे गांव में शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा था। पालकों ने बताया कि विभाग को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बच्चों की गणित की पढ़ाई पूरी तरह ठप थी, जिससे अभिभावक आक्रोशित हो उठे।

विरोध प्रदर्शन के दबाव के बाद आदिवासी विकास विभाग ने आदेश जारी करते हुए रामसिला कश्यप को छात्रावास अधीक्षिका पद से मुक्त कर पुनः शासकीय माध्यमिक शाला मेउ में कार्यग्रहण करने का निर्देश दिया। साथ ही मीना कांत को छात्रावास की नई अधीक्षिका नियुक्त किया गया है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

राजधानी से जनता तक न्यूज वेबसाइट के आलावा दैनिक अखबार, यूटयूब चैनल के माध्यम से भी लोगो तक तमाम छोटी बड़ी खबरो निष्पक्ष रूप से सेवा पहुंचाती है

error: Content is protected !!