छत्तीसगढ़ के विकासखंडों का हो नए सिरे से परिसीमन: चवन लाल बघेल 

प्रदेश के समग्र विकास के लिए बताया अपरिहार्य राजधानी से जनता तक 

जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल

देवभोग -भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा छत्तीसगढ़ के शोध एवं नीति विभाग के प्रदेश सह प्रभारी एवं धमतरी जिला प्रभारी भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा संगठन जिला धमतरी एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा संगठन जिला गरियाबंद के पूर्व जिलाध्यक्ष तथा पूर्व सांसद प्रतिनिधि देवभोग चवन लाल बघेल ने छत्तीसगढ़ के विकासखंडों के नए सिरे से परिसीमन की मांग की है।

चवन लाल बघेल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि छत्तीसगढ़ के विकासखंडों का नए सिरे से परिसीमन राज्य के समग्र विकास, प्रशासनिक दक्षता और संसाधनों के समान वितरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ के विकासखंडों की संरचना कई क्षेत्रों में जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं है।

कुछ विकासखंडों में जनसंख्या का घनत्व अत्यधिक है, जिसके कारण प्रशासनिक सेवाएं, जैसे – स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पा रही है। इसके विपरित कुछ विकासखंडों में जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से असंतुलन है, जिसके कारण संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है।

कुछ सुदूर और आदिवासी क्षेत्रों में विकासखंडों का आकार इतना बड़ा है कि प्रशासनिक पहुंच सीमित हो जाती है, जिससे वहां के निवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में कठिनाई होती है।

चवन लाल बघेल ने बताया है कि देश की स्वतंत्रता के बाद लोकसभा व विधानसभा क्षेत्रों का अनेक बार परिसीमन किया गया है लेकिन विकासखंडों का परिसीमन सन् 1981 के बाद नहीं किया गया है जिससे क्षेत्रों का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है।

गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड का उदाहरण बताते हुए श्री बघेल ने कहा है कि मैनपुर विकासखण्ड के कई गांवों की दूरी जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर तक है जबकि उनके नजदीकी विकासखण्ड देवभोग से मैनपुर विकासखण्ड के ग्रामों की दूरी केवल

5 या 10 किलोमीटर है।

यदि परिसीमन किया जाता है तो आम जनता को सरकारी सुविधाएं सुलभ होंगी।

चवन लाल बघेल ने नए सिरे से परिसीमन के लाभ बताते हुए लिखा है कि इससे प्रशासनिक दक्षता में वृध्दि होगी।

छोटे और संतुलित विकासखंडों से प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन अधिक सुगम होगा।

स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की पहुंच बढ़ेगी और योजनाओं का कार्यान्वयन त्वरित होगा।

नए सिरे से परिसीमन से संसाधनों का समान वितरण होगा।

जनसंख्या और भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर संसाधनों का आवंटन अधिक समान और प्रभावी होगा। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच विकास का अंतर कम होगा।

विकास योजनाओं की पहुंच आसान होगी।

विशेष रूप से गरियाबंद, मैनपुर तथा देवभोग जैसे आदिवासी और सुदूर क्षेत्रों में सरकारी योजनाएं जैसे – मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वास्थ्य सेवाएं अधिक प्रभावी ढंग से लागू की जा सकेंगी।

छोटे विकासखण्ड स्थानीय समुदायों को प्रशासनिक प्रक्रियाओं में अधिक भागीदारी का अवसर देंगे , जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया सशक्त होगी।

चवन लाल बघेल ने गरियाबंद जिला अंतर्गत देवभोग, मैनपुर के अलावा राजिम, पाण्डुका, ध्रुवागुड़ी, झाखरपारा जैसे वनांचल को विकासखण्ड बनाना अपरिहार्य बताते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित भारत सरकार से अनुरोध किया है कि इस विषय पर त्वरित और सकारात्मक कार्यवाही की जाए।

विकासखंडों का नए सिरे से परिसीमन छत्तीसगढ़ के समग्र विकास को गति प्रदान करने और प्रशासनिक सेवाओं को जन – जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

इस दिशा में आपकी पहल और नेतृत्व की अपेक्षा है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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