गंडई । शुक्रवार की सुबह ईरिमकसा प्राइमरी स्कूल में उस समय हड़कंप मच गया जब बच्चों ने स्कूल प्रांगण के पास लकड़ी के ढेर पर एक जहरीले सांप को रेंगते हुए देखा। यह घटना करीब सुबह 11 बजे की है, जब स्कूल में कक्षाएं चल रही थीं और बच्चे मैदान में खेल रहे थे। सांप को देखते ही बच्चों में चीख-पुकार मच गई और वे डर के मारे इधर-उधर भागने लगे।

112 सेवा को दी गई सूचना, टीम ने दिखाई तत्परता
सांप के दिखाई देने के बाद शिक्षकों और ग्रामीणों ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और 112 आपातकालीन सेवा को सूचना दी। सूचना मिलते ही 112 टीम में तैनात आरक्षक रविन्द्र मरकाम, चालक एवन साहू और हेमप्रकाश देवांगन तुरंत स्कूल परिसर में पहुंचे।
घटनास्थल पर पहुंचते ही 112 टीम ने स्कूल के स्टाफ और ग्रामीणों से घटना की जानकारी ली और सुरक्षा के सभी उपायों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। चूंकि सांप जहरीला प्रतीत हो रहा था, इसलिए विशेष सतर्कता बरती गई।
वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची
रेस्क्यू में अधिक दक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग गंडई को भी इस घटना की जानकारी दी गई। विभाग के कर्मचारी विनोद कुमार मंडावी मौके पर पहुंचे और उन्होंने 112 टीम के साथ मिलकर सांप को सुरक्षित रूप से पकड़ने की प्रक्रिया में हिस्सा लिया।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सांप को लकड़ी के ढेर से सावधानीपूर्वक निकाला गया, जिससे न तो सांप को कोई क्षति पहुंची और न ही लोगों को। पकड़े गए सांप को बाद में भड़भड़ी के जंगल में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया।
स्कूल प्रशासन और ग्रामीणों ने जताया आभार
रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता के बाद स्कूल के शिक्षक, बच्चों के अभिभावक और स्थानीय ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। किसी भी प्रकार की जनहानि न होने से सभी ने 112 सेवा और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई की सराहना की। स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा कि यदि टीम समय पर नहीं पहुंचती तो स कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि स्कूल परिसर और उसके आस-पास के क्षेत्रों की नियमित सफाई और निगरानी की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता
यह घटना न सिर्फ प्रशासन के लिए एक चेतावनी है, बल्कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर और अधिक सजग होने की आवश्यकता को भी दर्शाती है। स्कूलों के आस-पास झाड़ियों और लकड़ियों का ढेर, जिनमें जहरीले जीव-जंतु छिप सकते हैं, को नियमित रूप से हटाना आवश्यक है।
112 टीम और वन विभाग की सतर्कता और समन्वय से एक बड़ा हादसा टल गया। उनकी त्वरित कार्रवाई ने यह साबित किया कि आपातकालीन सेवाएं न सिर्फ तत्पर हैं, बल्कि संकट की घड़ी में पूरी जिम्मेदारी और कुशलता से कार्य करती हैं। ईरिमकसा की यह घटना अन्य स्कूलों के लिए भी एक चेतावनी है कि सुरक्षा और सतर्कता में कोई लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।
