भरत दुर्गम (विहान)

दुर्ग जेल में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में बंद दो ननों से मुलाकात को लेकर सियासत गरमा गई है। मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की वरिष्ठ नेता एनी राजा, पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात तथा दो अन्य सांसद दिल्ली से दुर्ग पहुँचे। नेताओं ने जेल में बंद ननों से मिलने का प्रयास किया, परंतु उन्हें जेल प्रशासन ने मिलने की अनुमति नहीं दी, यह कहते हुए कि नियमानुसार मुलाकात का समय दोपहर 2 बजे तक ही निर्धारित है।
नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने पूर्व में लिखित आवेदन ईमेल के माध्यम से भेजा था, इसके बावजूद जानबूझकर उन्हें मुलाकात से वंचित किया गया।
वृंदा करात ने कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है और यह सवाल उठाता है कि आखिर प्रशासन क्या छिपाना चाहता है।
सीपीआई नेता एनी राजा ने इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग दिए जाने की आशंका जताते हुए कहा,यह ननें आरोपी नहीं बल्कि पीड़िता हैं। उन्हें धार्मिक संगठन और प्रशासनिक दबाव के तहत निशाना बनाया जा रहा है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।”
उन्होंने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय और सामाजिक कार्यकर्ताओं को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है, और सरकार इस पूरे मामले पर चुप है।
बृंदा करात ने भी कहा,
“हमारी मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो तथा पीड़ितों को न्याय मिले। अगर कल तक मुलाकात नहीं करवाई गई, तो हम आंदोलनात्मक कदम उठाएंगे।
इससे पहले केरल से कांग्रेस के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी दुर्ग पहुँचा था, जिन्होंने महिला बंदीगृह में जाकर ननों से मुलाकात की और इस गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठाए। इस पूरे घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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