फिंगेश्वर-:जहां एक ओर सरकार धान खरीदी को लेकर बड़ी-बड़ी योजनाओं और घोषणाओं का ढोल पीट रही है, वहीं जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत है। कुंडेल धान संग्रहण केंद्र से मुरैना मोड़ को जोड़ने वाली मुख्य सड़क की खस्ताहालत ने आज एक बार फिर प्रशासन और विभागीय उदासीनता की पोल खोल दी है। बुधवार दोपहर करीब 4 बजे खुटेरी ग्राम पंचायत क्षेत्र में एक भारी भरकम धान से भरा ट्रक सड़क के गहरे गड्ढे में धंस गया। ट्रक को निकालने का प्रयास जेसीबी से किया जा रहा है, लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी ट्रक टस से मस नहीं हुआ।

इस हादसे के कारण करीब 300 मीटर लंबा जाम लग गया है। चार पहिया वाहन पूरी तरह से ठप हैं और केवल दोपहिया वाहन ही किसी तरह निकल पा रहे हैं। इस मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में धान परिवहन करने वाले ट्रक और ट्रैक्टर गुजरते हैं, लेकिन इस अहम सड़क की मरम्मत के लिए प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
स्थानीय जनप्रतिनिधि, पत्रकार और आम जनता लगातार कई महीनों से इस मार्ग की मरम्मत की गुहार लगा रहे थे। बार-बार जिला प्रशासन और संबंधित विभागों को चेताया गया, लेकिन प्रशासन की चुप्पी और विभागीय लापरवाही के चलते आज यह स्थिति पैदा हुई।
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि हर साल मेंटेनेंस और मरम्मत के नाम पर जो करोड़ों रुपये आवंटित होते हैं, वे आखिर कहां खर्च हो रहे हैं? क्या केवल कागजों पर सड़क बन रही है? क्या जिम्मेदार विभाग और अधिकारी बंद कमरों में बैठकर सिर्फ आंकड़ों का खेल खेल रहे हैं?
क्या प्रशासन एक बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?
जवाब किसी के पास नहीं है। गर्मी और जाम में फंसे लोग परेशान हैं, वाहन चालकों का धैर्य टूट रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अब भी मौन साधे हुए हैं।
जनता का आक्रोश अब सड़कों पर दिखने को तैयार है। अगर शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो यह एक सड़क जाम नहीं, प्रशासन के खिलाफ जन आंदोलन का रूप ले सकता है।
अब सवाल उठता है — क्या छत्तीसगढ़ की जनता सिर्फ वादे सुनने के लिए है, या उनके जीवन की भी कोई कीमत है?प्रशासन को अब जवाब देना ही होगा।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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