मस्तूरी– नवयुवक दुर्गोत्सव समिति दुर्गा चौक पुराना बाजार मस्तूरी द्वारा पवित्र सावन माह में श्री शिवजी के श्री शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ में पंडरिया रैयतपारा के पंडित श्री श्रीधर शर्मा जी ने श्री शिव तथा माता सती की कथा सुनाते हुए कहा कहा कि कभी भी बिना बुलाए किसी के घर नहीं जाना चाहिए| शिवजी से जुड़ी कई ऐसे प्रसंग हैं, जिनमें शिवजी और देवी सती से जुड़ी एक कथा प्रचलित है, इस कथा का संदेश यह है कि हमें कभी भी किसी के घर बिना बुलाए नहीं जाना चाहिए।

शिवजी और माता सती से जुड़ी कथा शिव महापुराण ,श्रीमद् देवी भागवत, सहित कई ग्रंथों में बताई गई है। इस कथा के अनुसार देवी सती के पिता प्रजापति दक्ष थे। सती ने भगवान श्री शिव जी से विवाह किया था। इस विवाह से दक्ष प्रसन्न नहीं थे। प्रजापपति दक्ष ने हरिद्वार में भव्य यज्ञ का आयोजन किया और शिव-सती को छोड़कर सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया। सती को ये बात नारद से मालूम हुई तो वह यज्ञ में जाने के लिए तैयार हो गईं। शिवजी ने माता सती जी को समझाया कि बिना बुलाए यज्ञ में जाना ठीक नहीं है, लेकिन माता सती नहीं मानीं। शिवजी के मना करने के बाद भी सती अपने पिता के घर यज्ञ में चली गईं। जब सती यज्ञ स्थल पर पहुंची तो उन्हें मालूम हुआ कि यज्ञ में शिवजी के अतिरिक्त सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया है। यह देखकर माता सती ने पिता दक्ष से शिवजी को न बुलाने का कारण पूछा। जवाब में दक्ष ने शिवजी का अपमान किया।
अपने पति का अपमान देवी सती से सहन नहीं हुआ और उन्होंने हवन कुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। जब ये बात शिवजी को मालूम हुई तो वे बहुत क्रोधित हो गए और शिवजी के कहने पर वीरभद्र ने दक्ष का सिर काट दिया। उन्होंने कहा कि इस कथा से ये सीख मिलती है कि कभी भी बिना बुलाए किसी के घर या किसी कार्यक्रम में जाना ठीक नहीं है। अगर जीवन साथी सही बात कहे तो उसे तुरंत मान लेना चाहिए, उसका अनादर नहीं करना चाहिए। पुत्री या किसी अन्य स्त्री के सामने उसके पति की बुराई या अपमान कभी नहीं करना चाहिए। आज कथा के दौरान भारी संख्या में श्रोताओं की उपस्थिति रही।
