रायपुर: “संसाधन नहीं तो काम नहीं” के सिद्धांत पर अडिग छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के आव्हान पर प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने 31 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। 17 सूत्रीय मांगों की पूर्ति के लिए लंबे समय से चरणबद्ध आंदोलन चला रहे अधिकारियों ने शासन की उदासीनता के चलते अब आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। हड़ताल के पहले दिन राजधानी रायपुर में संघ के प्रांताध्यक्ष श्री कृष्णकुमार लहरे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री अविनाश चंपावत से विस्तृत चर्चा की। लगभग डेढ़ घंटे की इस बैठक में संघ ने सभी 17 मांगों की वस्तुनिष्ठ जानकारी रखी, साथ ही शीर्ष प्राथमिकता वाली मांगों पर तत्काल निर्णय की अपेक्षा भी जताई। प्रमुख प्राथमिक मांगें: प्रत्येक तहसील में ऑपरेटर व आईटी संसाधनों की स्थायी व्यवस्था तहसीलों को शासकीय वाहन, ईंधन व चालक की सुविधा डिप्टी कलेक्टर पद पर 50:50 पदोन्नति व्यवस्था की पुनर्बहाली नायब तहसीलदार को राजपत्रित दर्जा ग्रेड-पे ₹4400 (नायब तहसीलदार) व ₹4800 (तहसीलदार) न्यायिक कार्यों में सुरक्षा व संरक्षण SLR/ASLR को राजस्व प्रभार से मुक्त करनाअनुचित कार्यवाही / निलंबन / FIR से सुरक्षा संघ ने स्पष्ट किया कि ये मांगें कार्य की गरिमा, संसाधन और सुरक्षा से जुड़ी हैं और इन पर टालमटोल नहीं चलेगी। हालांकि सचिव महोदय ने पत्राचार व शासन-स्तरीय विचार-विमर्श की बात कही, लेकिन कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया। इस कारण वार्ता विफल रही। संघ ने दो टूक शब्दों में कहा है “हम कार्य के लिए सदैव तत्पर हैं, किंतु सम्मान, सुविधा और सुरक्षा के साथ।” जब तक शासन ठोस निर्णय नहीं लेता, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।


Author: Rajdhani Se Janta Tak
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