संवाददाता ईश्वर नौरंगे / राजधानी से जनता तक

भैंसा आरंग/रक्षाबंधन नज़दीक आते ही देशभर के बाजारों में रौनक लौट आई है। भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक इस पावन पर्व को लेकर दुकानों में खास चहल-पहल देखी जा रही है। , हर जगह राखियों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है।
इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा, और इसके चलते बाजारों में पिछले एक सप्ताह से ही रफ्तार पकड़नी शुरू हो गई थी। दुकानदारों के मुताबिक, इस बार ग्राहक पारंपरिक राखियों के साथ-साथ डिज़ाइनर, इको-फ्रेंडली और कस्टमाइज्ड राखियों की भी खूब मांग कर रहे हैं।
नई डिज़ाइन, नया जोश
इस बार बाजार में कार्टून थीम वाली राखियों के साथ-साथ बहनों द्वारा भाई के नाम या फोटो वाली राखियों की भी लोकप्रियता बढ़ी है। छोटे बच्चों के लिए मिकी माउस, छोटा भीम और सुपरहीरो राखियों की धूम है। वहीं महिलाओं के बीच हैंडमेड और सिल्क धागों से बनी पारंपरिक राखियों का क्रेज बना हुआ है।
ऑनलाइन vs. ऑफलाइन
हालांकि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी राखियों की बिक्री ज़ोरों पर है, लेकिन त्योहार से पहले बाजारों में खुद जाकर खरीदारी करने का उत्साह अलग ही देखने को मिल रहा है। कई लोग मानते हैं कि रंग-बिरंगी दुकानों में राखियां चुनना भी त्योहार का हिस्सा है।
सजावट और सुरक्षा
बाजारों को रंगीन लाइटों, फूलों और पारंपरिक सजावट से सजाया गया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था के लिए भी खास इंतज़ाम किए गए हैं, ताकि खरीदारी में किसी तरह की परेशानी न हो। कुछ क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही सीमित कर दी गई है और विशेष पार्किंग ज़ोन बनाए गए हैं।
दुकानदारों की उम्मीदें
एक राखी विक्रेता, शेखर नारंग ने बताया, “पिछले दो साल कोविड की वजह से व्यापार बहुत प्रभावित हुआ था। इस बार उम्मीद है कि बिक्री अच्छी होगी। लोग त्योहार को लेकर काफी उत्साहित हैं।”
निष्कर्ष
रक्षाबंधन से पहले बाजारों की ये रौनक यह दर्शाती है कि पारंपरिक त्योहारों की चमक आज भी लोगों के दिलों में कायम है। भाई-बहन के रिश्ते की मिठास के साथ, इस बार बाजारों की चकाचौंध भी त्योहार को खास बना रही है

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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