72 वर्षीय बुजुर्ग महिला ओमबाई बघेल जमीन मामले बैठी भूख-हड़ताल में न्याय आधा-अधूरा अपनी खून से पत्र लिखकर राष्ट्रपति के पास भेजने उठाई कठोर कदम  

राजधानी से जनता तक/ चरण सिंह क्षेत्रपाल 

गरियाबंद (छुरा)- गरियाबंद जिले के विकास खण्ड छुरा में एक दलित 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला ओमबाई बघेल छुरा नगर पंचायत की निवासी है।देश के सर्वोच्च नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक अपनी दुखड़ा सुनाने में खून से पत्र लिखकर भेजने की कठोर कदम उठाने की तैयारियां चल रही है। इतना ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भी पत्र भेजकर मामले से अवगत करवाए जाने के बावजूद भी आज दिन पर्यन्त तक किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई न होने के कारण परिवार और सगा संबंधियों में गहरी निराशा व्याप्त है। आज दिन पर्यन्त तक न जांच हुई है और न ही कोई सुनवाई।

न्याय की इंतजार में दिनों-दिन बढ़ती जा रही पीड़ा

पिछले कई दिनों से अपने पैतृक सम्पत्ति को लेकर काफी संघर्ष कर रही बुजुर्ग महिला का आरोप है कि उनकी जमीन पर एक व्यापारी अवैध कब्जा करना चाहा है। और संबंधित विभाग में शिकायत दर्ज करने के बावजूद भी समाधान नहीं मिल रहा है।

वर्ष 2022-23 में कोर्ट ने भूमि का मालिकाना हक किसी दूसरे व्यक्ति को बताया। यह विरोधीभाषी फैसला इस बात का संकेत देता है कि इस प्रकरण में लेन-देन या दबाव की स्थिति रही है।

अपूर्ण धाराएं अपूर्ण न्याय प्रक्रिया

पीड़ित महिला ओमबाई बघेल का आरोप है कि आरोपी पर पुलिस ने धारा 126 व 135 ( 3)

बीएनएसएस ईस्तगारा लगाई है , किंतु यह धारा अधूरी है, पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने जेसीबी से मठ (समाधि) को तोड़-फोड़ कर गाली गलौज करते हुए वह धमकी भी दी गई, परंतु इस गंभीर आरोप की धाराएं एफआईआर में शामिल नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस निष्पक्षता से जांच करें तो कई छूपे हुए तथ्य बहार आ जाएंगे।

पीड़िता की गवाही देने में सहायक रूकमणी बाई नेताम की बयान 

75 वर्षीय बुजुर्ग महिला रूकमणी बाई नेताम पिता गूलहेद राम नेताम ने बयान में यह बताई कि जिस जमीन को आरोपी ने अपना बताया है, वह सरसरी गलत है क्योंकि उसके नाम का है ही नहीं। विवादित स्थल पहले स्वर्गीय संतोष कुमार नेताम मेरे दादा के नाम पर था। जिन्होंने अपने दामाद हगरू को भांचदान में दिया गया है। इस भूमि का मालिकाना हक केवल ओमबाई बघेल के परिवार को श्रेय जाता है। उन्होंने और भी यह बताई कि इनके परिवार ने इस जमीन पर साग-सब्जी उत्पादन करते हुए तीन चार पीढ़ियों से करते आ रहे है,मेरे जीते-जी जानकारी के मुताबिक।जो कि कब्जे का प्रमाण भी है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता जी का इस भूमि पर कोई अधिकार था ही नहीं।

जमीन के लिए भूख-हड़ताल फिर न्याय अधूरा

ओमबाई बघेल ने अपने परिवार और समाज के लोगों के साथ भूख-हड़ताल भी कर चुकी है लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय ग्रामीण समाज बंधुओ का कहना है कि 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला ओमबाई बघेल न्याय के लिए इधर-उधर दर-दर ठोकरें खा रही है , फिर भी न्याय दूर है, इस तरह के न्याय व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिह्न है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

राजधानी से जनता तक न्यूज वेबसाइट के आलावा दैनिक अखबार, यूटयूब चैनल के माध्यम से भी लोगो तक तमाम छोटी बड़ी खबरो निष्पक्ष रूप से सेवा पहुंचाती है

यह भी पढ़ें

[democracy id="1"]
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  

टॉप स्टोरीज