प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से लाभ 28 गांवों में से मात्र 17 गांव के किसानों को ही बीमा मुआवजा मिला है बाकी 11 गांव के किसानों को फसल बीमा का राशि नहीं मिली है

राजधानी से जनता तक । चरण सिंह क्षेत्रपाल । गरियाबंद – तेल नदी पार छत्तीस गांवों के किसानों द्वारा इस साल 2023-24 में धान खरीदी उपार्जन केन्द्र में एक दाना धान तक नहीं बेच सके, चुकी अल्प बारिश होने कि वजह से किसानों के खेतों में ठीक ढंग से कृषि कार्यों में रूकावटें हुई है।जिस समय किसान अपने ज़मीन को नागर जुताई कर धान फसल को बुआई करने के समय पर ठीक ढंग से व पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं गिरी थी, जिसके बजह से किसान अपने खेतों में धान रोपाई, बुआई नहीं कर पाए।28 गांवों के किसानों के खेती खलिहान हरी भरी के जगहों पर सुना सुना हो गया, किसान बहुत चिंतित में पड़ गए। चुकी किसान खेती में धान फसल के लिए बैंक से ऋण लिया गया है, तथा प्राथमिक साख सहकारी समिति से धान,खाद भी लिया गया है।

पूर्व प्राथमिक सहकारी समिति अध्यक्ष सीता राम यादव का कहना है कि इस साल हमारे तेल नदी पार गांव में 28 गांवों के किसानों के खेतों में धान फसल ठीक रूप से नहीं हुई है। इस लिए सभी किसानों ने अपने खेतों की धान फसल भारी क्षतिग्रस्त होने की वजह से 4 उपार्जन केन्द्रों के किसानों ने किसान सभा रख कर अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन पत्र सौंपा गया था। तथा उत्पादन प्रभावित का रिकार्ड कृषि व राजस्व विभाग के पास मौजूद हैं। परंतु आज 28 गांवों में से मात्र 17 गांव के किसानों को ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिया गया है। अन्य बाकी 11 गांव के किसानों को फसल बीमा योजना से लाभ नहीं दिया गया है। जबकि कुछ गांवों के किसानों ने धान बेचने के लिए राजस्व विभाग में आवेदन लगवाए ओर उपार्जन केन्द्र में धान भी बेचे है। आज उन्ही किसानों को कृषि फसल बीमा योजना से लाभ मिला है।जो गांव प्राकृतिक आपदाओं से ग्रसित है और एक भी दाना धान नहीं बेचे है उन्हीं गांवों के किसानों को फसल बीमा योजना से लाभ देने से वंचित रह गए है। ऐसा क्या बजह हों सकती है जो कि 0%धान फसल उत्पादन वाले किसानों को कृषि बीमा योजना से लाभ लेने से वंचित हो गए हैं। आखिर कहा पर कृषि विभाग, राजस्व विभाग या शासन -प्रशासन से कुछ कारण वश त्रुटी हुई होगी। हमें पूरी उम्मीद है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार हमारे 11 गांवों का नाम लिस्ट बीमा योजना से छूट गया है, पुनः अधिकारी व कर्मचारीयों से गांव कि नाम लिस्ट मंगवा कर बीमा राशि उपलब्ध कराई जाए। यदि शासन -प्रशासन हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया जाता है तो उस स्थिति पर हम न तो बैंक का ऋण अदायगी कर सकेंगे और न ही पर आने वाले समय में हमें बैंक ऋण देने को मंजूर होगी। बल्कि हमारे सिर पर कर्जा का बोझ मंडराने लगेगी। आज झिरीपानी धान खरीदी उपार्जन केन्द्र स्थल पर 11 गांव के समस्त किसान एकत्रित हो कर आपसी में विचार विमर्श करते हुए उन्होंने यह कहा कि सरकार हमारी गुहार को स्वीकार कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से प्रीमियम राशि उपलब्ध कराई जाए, ताकि हमें बैंक में ऋण अदायगी करने में मदद मिल सके। आज इस परिपेक्ष में 11 गांव के किसान उपार्जन केन्द्र पर भारी संख्या में उपस्थित थे।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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