राजधानी से जनता तक । सारंगढ़-बिलाईगढ । जिले के वन क्षेत्र में हाथी दल द्वारा विचरण किया जा रहा है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ वनमण्डल द्वारा जिले के नागरिकों से हाथी से बचने हेतु अपील किया गया है। इसके साथ ही बचाव संबंधी उपाय का पालन करने कहा गया है। हाथी आने की सूचना निकटवर्ती वन कर्मचारी को तुरंत देवें। सभी घरों के बाहर पर्याप्त रोशनी करके रखें, ताकि हाथी के आने से पहले ही दूर से पता चल जायें। हाथियों का सामना होने की स्थिति में उससे ज्यादा से ज्यादा दूरी बना कर रखें। हाथी विचरण क्षेत्र में अपने ग्रामों के वृद्ध, अपाहिज और छोटे बच्चों की सुरक्षा का खास ध्यान रखें। जन-धन हानि होने की स्थिति में बदले की भावना से प्रेरित होकर हाथियों के पास न जायें, बल्कि वन विभाग को सूचित कर मुआवजा राशि की प्रक्रिया करवाने में सहयोग करें।
पहाड़ी स्थानों में सामना होने की स्थिति में पहाड़ी की ढलान की ओर दौड़े, ऊपर की ओर नहीं क्योंकि हाथी ढलान में तेज गति से नहीं उतर सकता, परन्तु चढ़ाई में वह दक्ष होता है। वन विभाग द्वारा बताये गये सुरक्षा संबंधित निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करें।
मानव हाथी द्वंद से बचाव हेतु क्या न करें : किसी भी प्रकार का शोरगुल व हल्ला न करें और उस क्षेत्र को तुरंत छोड़ देवें।सेल्फी एवं फोटो लेने की उत्सुक्ता से भी हाथी के नज़दीक बिल्कुल भी न जावें, यह प्राण घातक हो सकता है। हाथियों को फसल लगे खेतों में होने की स्थिति का पता चलने पर उन्हें खदेड़ने हेतु उनके पास न जावें, न ही जाने का प्रयास करें। हाथियों को गुलेल, तीर, मशाल व पत्थरों से बिल्कुल न मारें इससे वे आक्रमक होकर आपकी दिशा में बढ़कर जनहानि कर सकते हैं। हाथी विचरण क्षेत्रों में देशी शराब व महुआ से बनी शराब न बनायें भंडारण न करें, हाथियों को शराब की गंध दूर से आकर्षित करती है। महुआ खाने वे घरों तक आ जाते हैं। हाथियों के विचरण क्षेत्रों में तेंदूपत्ता, पटु, छतनी, बांस के संग्रह के लिये एवं मवेशी चराने ना जायें। शौच के लिए खुले खेत व जंगल से लगे स्थानों पर न जायें, घरों में बने शौचालयों का इस्तेमाल करे।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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