राजधानी से जनता तक । गरियाबंद । चरण सिंह क्षेत्रपाल । स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गरियाबंद जिले के प्रत्येक स्कूलों में शौचालय निर्माण हेतु लाखों रुपए आवंटित किया गया है। इसके अनुरूप संबंधित ग्राम पंचायत व प्रधान पाठकों ने एजेंसी लेकर शौचालय निर्माण का कार्य किया गया है, कार्य अनुरूप सभी शौचालय पूर्ण तो हो चुके है, किंतु भलीभांति से उपयोग स्कूली बच्चे नित्य कर्म नहीं कर रहे हैं, और स्कूल ग्राउंड से बाहर नित्य कर्म करने जाते है। सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग के लिए लाखों करोड़ों रुपए बजट बना कर आवंटित किया गया है। शिक्षा विभाग के अनेकों स्कूलों में बनी है शौचालय को देखरेख व साफ सफाई करने के लिए शिक्षा विभाग स्वीपर की नियुक्त की गई है।
देवभोग ब्लाक के जितने भी स्कूलें है सभी स्कूलों में शौचालय निर्माण हुआ है। जब स्कूली बच्चे मध्याह्न भोजन सेवन करने से या पेट की गड़बड़ी हो तो नित्य कर्म करने बाहर गांव के तालाबों, झरनों में जाते है। उसी दौरान पालक अपने बच्चे को स्कूल से बाहर नित्य कर्म करने जाते देखकर बड़ा उदास होते हैं । स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के पालकों ने और भी यह बताये
कि, हम बच्चे को स्कूल पढ़ने लिखने के लिए रोज भेजते हैं, जब इन्हें नित्य कर्म करने आवश्यकता होती है, तो उन्हें बाहर नित्य कर्म करने के लिए जाना पड़ता हैं। हमारे लड़के-लड़कियां जब बाहर में नित्य कर्म करने जाते हैं, तो उसी दरम्यान हमें बड़ी चिंता लगी रहती है, क्योंकि स्थली जहरीले जीव जंतु बिच्छू,सर्प कीड़े मकोड़े व कुत्तों के काटने की ज्यादा प्रकोप बना रहता है। इसी बजह से प्रत्येक गांवों के स्कूलों में शौचालय को पूर्ण रूप से अस्वच्छ रखा गया है। चूंकि आज दिन पर्यन्त तक कभी भी ग्रामीण इलाकों में स्कूली बच्चे शौचालय में निरंतर उपयोग नित्य कर्म नहीं कर पा रहे हैं। जबकि इसकी जानकारी ग्रामीणों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को अवगत करवाई जा चुकी है, किंतु देवभोग विकास खण्ड के प्रत्येक विद्यालयों में शौचालय निर्माण कार्य के लिए कोई अनदेखी नहीं की गई है और पैसा पानी की तरह बहाई गई है।
इतने होने के बावजूद भी जिम्मेदार शौचालय को साफ सुथरा नहीं रख पा रहे हैं।
स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के पालकों ने बताया कि हमारे बच्चे पहली से बारहवीं कक्षा तक पढ़ने के लिए दूर दराज के स्कूलों में जाते हैं। और उसी वक्त बच्चे को शौचालय जाना जरूरी पड़ गया तो, स्कूलों से बाहर नित्य कर्म करने के लिए जाते हैं। जबकि शासन -प्रशासन ने स्कूलों स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिए लाखों रूपए स्वीकृत दी गई है। इस तरह स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा व्यवस्था में अनियमितता बरती जा रही है, और उक्त लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को संज्ञान में नहीं लिया जा रहा है,बहुत शर्मिंदगी की बात है, स्कूली बच्चों को सुविधा उपलब्ध कराई जाने विशेष योजना स्कूल जतन योजना अंतर्गत सभी गांवों के स्कूलों में शौचालय निर्माण हुआ है ताकि बच्चे नित्य कर्म करने के लिए शासन- प्रशासन द्वारा लाखों रुपए स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन शौचालय निर्माण कार्य में गुणवत्ताहीन बनी हुई है , इसी कारण
शौचालय में उपयोग करने से स्कूली छात्र छात्राएं बहुत कदम दूरी हैं। स्कूल जतन योजनांतर्गत सभी गांवों में शौचालय निर्माण, स्कूल जर्जर को मरम्मत व अन्य सभी कार्यों के लिए लाखों करोड़ों रुपए स्वीकृत दी गई है। किंतु अधिकारी व कर्मचारी संज्ञान में लेने के बजाय मौन रहकर स्कूल में शौचालय निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गई है, ऐसे शिक्षकों के प्रति कार्रवाई करने में संकोच है। फिलहाल यह देखा जाए तो तत्काल निराकरण किया जाना अत्यंत आवश्यक है। ताकि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं खुले में नित्य कर्म करने से मुक्त हो।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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