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35 हाथियों के दल की आमद से ग्रामीणों में दहशत

राजधानी से जनता तक । अंबिकापुर ।  35 हाथियों का बड़ा दल सरगुजा और बलरामपुर जिले की सीमावर्ती क्षेत्रों में स्वछंद विचरण कर रहा है। सरगुजा के लुंड्रा और बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ वन परिक्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्र में जमे हाथियों द्वारा धान की फसल को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।एक साथ 35 हाथी होने के कारण इनकी निगरानी में भी परेशानी हो रही है। रात के अंधेरे में हाथियों से जनहानि रोकना वन विभाग के लिए कड़ी चुनौती साबित हो रही है। 35 हाथियों का यह दल सबसे पहले प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में पहुंचा था। इस कारण इस दल के तमोर पिंगला अभयारण्य क्षेत्र से मैदानी इलाके में आने की संभावना है। हाथियों का यह दल प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के गांवों से होते हुए राजपुर वन परिक्षेत्र में घुसा था। धान-गन्ना की फसल को नुकसान पहुंचाते हुए सभी 35 हाथी राजपुर के चांची जंगल के समीप अंबिकापुर- रामानुजंगज राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर आगे बढ़े थे। तीन दिन पहले यह दल सरगुजा जिले के लुंड्रा वन परिक्षेत्र में प्रवेश कर गया था। चन्द्रेश्वरपुर,जोरी, बिल्हमा क्षेत्र में विचरण करते हुए सभी हाथी मंगलवार की रात राजपुर वन परिक्षेत्र के कोरगी-अमदरी की ओर चला गया था लेकिन भोर होते ही हाथी लुंड्रा और शंकरगढ़ वन परिक्षेत्र की सीमा पर जारगिम सर्किल में प्रवेश कर गए थे। हाथी जिस ओर भी जा रहे हैं वहां धान , गन्ना के अलावा दूसरी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अत्यधिक संख्या होने के कारण जिस खेत से होकर ये गुजर रहे हैं वह नष्ट हो जा रही है। वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी सारी रात हाथियों की निगरानी में लगे हुए हैं। हाथियों के विचारण क्षेत्र से लगे गांव में लोगों को सतर्क किया जा रहा है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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